वाराणसी (ब्यूरो)। रंगों का पर्व हो और पिचकारी की बात न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। मार्केट में रंगों की बौछार करने के लिए एक से एक पिचकारी दुकानदारों ने सजा रखे हैं। कई तो पारंपरिक पिचकारियां हैैं, लेकिन इन सबके बीच कई पिचकारियां ऐसी हैं जो बच्चों को काफी पसंद आ रही हैं। हालांकि पिचकारी कारोबारियों का कहना है कि पिचकारी का दाम बढऩे की वजह से इस बार कम दाम वाली पिचकारी को लो ज्यादा खरीद रहे हैं.
बच्चों को भा रही पिचकारियां
पिचकारी बाजार में सीरिंज पंप, छड़ी, तलवार, साका-लाका-बूमबूम, लांचर, बस्ता (टंकी वाली), त्रिशुल, एके 47, सिक्स राउंड कट्टा, माउजर है तो छोटे बच्चों के लिए चूहा, मछली, डायनासोर, कंगारू, शिशु, कुत्ता, हाथी, अप्पू, मास्क, टैंक, बंदूक, पावर रेंजर, एयर होस्टेज, चिडिय़ा, एयरगन वाली पिचकारी बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा बोतल वाली पिचकारी भी दुकानों पर मौजूद हैं.
रॉ मैटेरियल्स के दाम बढ़े
पिचकारी के दाम बढऩे की वजह कारोबारी रॉ मैटेरियल्स का दाम बढऩा बता रहे हैं। उनका कहना है कि प्लास्टिक दाने में करीब 10 से 15 परसेंट का उछाल आया है। इसके चलते पिचकारी के दाम में भी 10 से 15 परसेंट का इजाफा हुआ है। इसके चलते ज्यादातर लोग कम बजट वाली पिचकारी की खरीदारी कर रहे हैं.
ट्रांसपोर्टेशन ने दी दाम को हवा
दुकानदारों का कहना है कि डीजल के दाम बढऩे की वजह से भी पिचकारियों के दाम में कंपनियों ने बढ़ोतरी की है। पिछले साल डीजल का दाम कुछ और था और इस बार कुछ है। इसका असर मार्केट पर पड़ा है.
कच्चे सामानों की कीमत बढऩे की वजह से इस बार पिचकारियों के दाम में 15 से 20 परसेंट का उछाल आया है। इसके बाद डीजल के दाम बढऩे की वजह से भी दाम पर असर पड़ा है.
मो। शेख, थोक कारोबारी
प्लास्टिक दाने के दाम बढऩे की वजह से इस बार ज्यादातर लोग अपनी बजट के अनुसार पिचकारी की खरीदारी कर रहे हैं.
विनोद, कारोबारी
इस बार बाजार में भीड़ है। लो पिचकारी की खरीदारी भी कर रहे हैं, लेकिन कम बजट वाला पिचकारी की ज्यादा खरीदारी हो रही है.
नूर अहमद, दुकानदार
रंग-कलर और पिचकारी का बाजार अच्छा है। पिचकारियों का दाम नहीं बढ़ता तो और भी खरीदारी होती। होली पर ही पिचकारियों की खरीदारी होती है.
मो। शाहिद, दुकानदार