वाराणसी (ब्यूरो)। विदेश मंत्री डा। एस जयशंकर ने सोमवार को जी-20 की बैठक के दो सत्रों में शामिल सदस्य देशों के विकास मंत्रियों व प्रतिनिधियों के सामने वैश्विक विकास की रूपरेखा को सामने रखा। उन्होंने ज्ञान-गंगा की नगरी काशी में सभी का स्वागत किया। सदस्य देशों के बीच जरूरतमंदों की मदद के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास को बढ़ावा देने का आग्रह किया। इस निमित्त महत्वपूर्ण एजेंडा तय करने के लिए इस मंच को एक बड़ा अवसर बताया। कहा, चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। भारत की ओर से एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का आह्वान किया। कहा, 'एक धरतीÓ के रूप में हमें जरूरतमंदों के लिए एकजुटता प्रदर्शित करनी चाहिए। 'एक परिवारÓ के रूप में हमें ऐसे सिस्टम का निर्माण करना चाहिए जो तालमेल आधारित हो। उन प्रणालियों को पुन: जीवित करें जो एजेंडे को पूरा करती हों। 'एक भविष्यÓ के लिए हमें अपने कार्य के केंद्र में नौजवानों की आकांक्षाओं को रखना होगा.
वैश्विक चुनौतियों को सामने रखा
इस दौरान विदेश मंत्री ने वैश्विक चुनौतियों को सामने रखा। कहा, महामारी से लेकर अर्थ-व्यापार व पर्यावरण कई देशों के लिए गंभीर ङ्क्षचता का विषय हैं। इसका खामियाजा कमजोर देशों को ही भुगतना पड़ता है। सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति कोविड-19 से पहले कम थी। इस आपदा ने इसमें बढोतरी की है। जलवायु परिवर्तन का विकसित देशों पर कम और विकासशील देशों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। आपूर्ति में व्यवधान, ऋण और ऊर्जा संकट, खाद्य और उर्वरक सुरक्षा पर दबाव के कारण वैश्विक आर्थिक सुधार की संभावनाएं धीमी हुई हैं।
महत्वपूर्ण होंगे निर्णय
इस आयोजन में जो निर्णय लिए जाएंगे वह टिकाऊ और लचीले भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। सतत विकास लक्ष्य का एजेंडा एक मील का पत्थर है। दुर्भाग्यवश, 2015 में इसे अपनाने के बाद से हमने न केवल राजनीतिक गति को कम होते देखा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं में विखंडन भी देखने को मिला है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने सतत विकास लक्ष्य की प्रगति में तेजी लाने के लिए महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्ययोजना को आगे बढ़ाया है। यह जी-20 के भावी कामों के लिए भी रोड-मैप प्रस्तुत करता है.
तीन प्रमुख एजेंडे पर कार्ययोजना
कार्ययोजना तीन प्रमुख एजेंडे पर आधारित है। पहला है, विकास के लिए डेटा और बुनियादी सार्वजनिक डिजिटल ढांचे को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर नवाचार। इन नवाचारों के साथ भारत के अनुभव ने आधे दशक से भी कम समय में बदलाव करके दिखाया है। दूसरा है, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास संबंधी कार्ययोजना में निवेश। इससे न केवल सतत विकास के लक्ष्य में प्रगति को गति मिलेगी, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए जमीनी स्तर पर परिणाम भी सामने आएंगे। वहीं तीसरा है, भविष्य के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक जरूरतमंद समुदाय के लोगों का एकजुट होना। कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे नेताओं के हाथ तब मजबूत होंगे जब वे इन ऐतिहासिक शिखर सम्मेलनों में एक साथ होंगे। विदेश मंत्री ने कहा, आज वाराणसी में हमने जो कार्य योजना अपनाई है, वह इन प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण गति और महत्वाकांक्षा को प्रेरित करने के लिए रोडमैप प्रदान करेगी।