वाराणसी (ब्यूरो)। टैक्सपेयर्स की हर कमाई पर इन्कम टैक्स की नजर है। आईटीआर में अगर अपनी कमाई छिपाने का प्रयास करेंगे तब भी आयकर की तीसरी नजर से नहीं बच पाएंगे। डिपार्टमेंट पता कर लेगा कि रिटर्न में आपने क्या दिखाया और एक्चुअल में आपकी कमाई कितनी है। इन्कम पता करने के लिए आयकर के कई सोर्स हैं। इन सोर्सों से आयकर विभाग आपके असली इन्कम का पता कर लेगा। डिपार्टमेंट को बैंक, म्यूचूअल फंड, प्रापर्टी रजिस्ट्रार, लिस्टेड कंपनियों और पोस्ट आफिस से फिडबैक मिल जाएगा। 2020-21 में 98 हजार लोगों ने रिटर्न में अपनी आय छिपाई थी। इनमें पूर्वांचल के करीब 276 टैक्सपेयर्स शामिल थे। सभी को डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजकर जवाब-तलब किया है.
स्क्रूटनी के लिए रेफर
आयकर विभाग ने ऐसे मामलों को स्क्रूटनी के लिए रेफर कर दिया है, जहां अंतिम जांच होगी। आयकर रिटर्न भरने वालों से जुड़े दस्तावेज तलब किए जाएंगे। अफसरों के अनुसार, इसके बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो विभाग की ओर से जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह की गड़बडिय़ां
विभाग में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी 276 मामले ई-वेरिफकेशन के लिए आए हैं। इनकी जांच की जा रही है। उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति ने दस हजार रुपये का बीमा कराया। आईटीआर दाखिल करते समय टैक्स से बचने के लिए एक लाख रुपए दिखा दिया। जब विभाग ने इसकी जांच की तो मामला उजागर हुआ। इस तरह के केस अब तक 276 मिल चुके है। ऐसे लोगों के खिलाफ विभाग ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है।
खरीदते हैं कई बांड
आयकर विभाग के अफसरों की मानें तो टैक्सपेयर्स कई तरह के बांड खरीदते है। इनमें पीपीएफ, सुकन्या योजना, गोल्ड बांड, शेयर बांड खरीदने पर भी आयकर में छूट मिलती है। लेकिन, कुछ लोग इसकी सही जानकारी रिटर्न में नहीं देते जो डिपार्टमेंट की जांच में पकड़ ली जाती है।
ई वेरिफिकेशन ने पकड़ा
ऐसे मामलों को पकडऩे के लिए आयकर विभाग ने ई वेरिफिकेशन कराया तो रिटर्न में गड़बड़ी का मामला सामने आया। डिपार्टमेंट ने सभी को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। इसके बाद भी नोटिस का जवाब नहीं देंगे तो जुर्माना लगाया जाएगा।
डिपार्टमेंट देते इन्फार्मेशन
आयकर विभाग की नजर तो टैक्सपेयर्स की छुपी हुई कमाई पर रहती है। इसके अलावा अन्य डिपार्टमेंट भी इन्फार्मेशन देते है। इनमें बैंक, म्यूचूअल फंड, प्रापर्टी रजिस्ट्रार, लिस्टेड कंपनियां, पोस्ट आफिस से डिपार्टमेंट को इन्फार्मेशन दिया जाता है। यही नहीं कितने की गड़बडिय़ां की है यह भी विभाग को पता चल जाता है।
रिटर्न में आय छिपाने पर 276 को नोटिस भेजा गया है। नोटिस का जवाब न देने पर जुर्माना लगाया जाएगा। रिटर्न में अपनी आय नहीं छिपा सकते हैं। डिपाटमेंट अपने सोर्स से पता कर लेगा.
हिमांशु कुमार, इन्कम टैक्स आफिसर
ई वेरिफिकेशन के फायदे
ई वेरिफिकेशन के बारे में जागरूक करने के लिए बुधवार को इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट में जागरूकता प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्रोग्राम में इन्कम टैक्स बार के अधिवक्ता, सीए शामिल थे। इन्कम टैक्स अधिकारी हिमांशु कुमार ने कहा कि ई वेरिफिकेशन से कई फायदे है।
आती हैं सूचनाएं
उन्होंने कहा कि कई डिपार्टमेंट से इन्कमटैक्स पेयर की सूचनाएं आती है। इस डाटा को आयकर विभाग की टीम करदाता की आयकर विवरणी से मिलान करती है, यदि उसमें कोई गड़बड़ी मिलती है तो करदाता को आयकर विभाग की ओर से आयकर अधिनियम की धारा 133 (6) की नोटिस जारी किया जाता है। यदि करदाता नोटिस का जवाब नहीं देता है तो यह मान लिया जाता है कि आयकर विभाग के पास पहुंची सूचना सही है एवं आयकर अधिनियम के तहत संविक्षा की कार्रवाई की जाती है।
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर दी इन्स्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउण्टेंट ऑफ इण्डिया के चेयरमैन अनिल कुमार अग्रवाल, पुनीत कुमार सिंह, असीम जफर, मौजूद थे। संचालन विनय कुमार शर्मा ने किया। कार्यक्रम में आयकर निरीक्षक मोती चन्द राम, मोमिता नस्कर, अमन पुरवार, कर सहायक एवं महेन्द्र कुमार मौजूद थे.