वाराणसी (ब्यूरो)। पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा। इसके पहले राहुल गांधी का रोड शो। इन दोनों बड़े इवेंट के बाद बनारस में चुनावी माहौल बनने लगा है। घरों से लेकर चाय की दुकानों तक लोकसभा चुनाव की चर्चा होने लगी है। सोशल मीडिया के साथ ही वाट्सएप पर कौन-सी पार्टी चुनाव जीतेगी, ये भी बहस छिडऩे लगी है। अभी चुनाव की तारीख का ऐलान होना बाकी है, लेकिन राजनैतिक पार्टियों ने रोडमैप तैयार करना शुरू कर दिया है। चुनावी मुद्दों को लेकर रविवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने राजनी टी कैंपेन के तहïत मलदहिया स्थित सुभाष नगर कालोनी में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर परिचर्चा की। इस दौरान खासकर लड़कियों ने खुलकर अपनी बात शेयर की।
बेरोजगारी पर लगाम लगे
बेरोजगारी एक मुद्दा रहा है, आपकी नजर में इसका समाधान क्या है विषय पर चर्चा में लड़कियों ने कहा कि सरकार बढिय़ा है, लेकिन रोजगार की दिशा में अभी बहुत काम होना बाकी है। पुलिस भर्ती परीक्षा में जिस तरह पेपर आउट हुए, उससे सिस्टम पर सवाल उठता है। परीक्षा रद होने से लाखों यंगस्टर्स का सपना टूट गया। भीड़ देखकर बेरोजगारी की स्थिति देखी जा सकती है। इकोनॉमिकल हम बहुत ही कमजोर होते जा रहे हैं। मगर इस तरफ सरकार का ध्यान ही नहीं है। स्टार्टअप के नाम पर काम तो युवा कर रहे हैं, लेकिन सक्सेस रेट बेहद कम हैं.
महंगाई पर दिखी नाराजगी
हर चुनाव में महंगाई मुद्दा होती है। इसका सबसे ज्यादा असर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार पर पड़ता है। परिचर्चा के दौरान महïंगाई को लेकर सरकार के प्रति जबर्दस्त नाराजगी दिखी। अधिकतर लड़कियों ने महïंगाई के मुद्दे पर सरकार के प्रयास पर तमाम सवाल दागे। इसे कंट्रोल करने में नाकाम बताया। यंगस्टर्स का कहïना था कि कोई ऐसी चीज नहïीं जिसका दाम न बढ़ा हïो। बेरोजगारी के चलते महंगाई भारी पडऩे लगी है।
दागी कैंडीडेट को वोट नहïीं
वूमन यंगस्टर्स ने दागी कैंडीडेट पर खुलकर अपने विचार रखे। यंगस्टर्स ने कहïा कि किसी भी कीमत पर हïम लोग दागी कैंडीडेट को वोट नहïीं देंगे। चाहïे वहï हïमारी पसंदीदा पार्टी से हïी क्यों न खड़ा हïो। कहïा कि ऐसे लोग क्षेत्र व समाज का विकास नहïीं करते हïैं, सिर्फ अपनी काली करतूतों को संरक्षण देते हïैं। युवाओं ने राजनैतिक पार्टियों को भी दागी कैंडीडेट नहïीं उतारने की सलाहï दी। कहïा कि अगर किसी भी दल ने दागी कैंडीडेट को प्रत्याशी बनाया तो उसे हïार का सामना करना पड़ेगा। आज के युवा ऐसे लोगों को पसंद नहïीं करते हïैं। यूथ को सिर्फ अच्छे व साफ छवि के कैंडीडेट पसंद हïैं.
बेरोजगार ही इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा होना चाहिए। अगर बेरोजगारी की समस्या खत्म हो जाती है तो देश की कई समस्याएं खुद खत्म हो जाएंगी। महंगाई जितनी तेजी से बढ़ रही है। उतनी धीमी गति से वैकेंसी निकाली जा रही है.
श्रेया
महिला सुरक्षा को लेकर बातें तो बहुत होती हैं, लेकिन धरातल पर उतना काम नहीं होता है। कानून और पुलिस सिस्टम पर बीएचयू की घटना आइना दिखाने के लिए काफी है। देश में महिला सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा, पर आज भी रात में महिलाएं घरों से अकेले निकलने में डरती हैं.
अर्पिता
परिवर्तन के दौर में नई शिक्षा पॉलसी बहुत जरूरी है। सरकारी शिक्षण संस्थाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत है। क्योंकि निजी स्कूल-कालेज में मोटी फीस होने से मीडिल क्लास के बच्चों की शिक्षा बाधित हो जाती है। सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
श्रेयशी
हेल्थ सबसे बड़ा मुद्दा है, सरकार इस पर काम तो कर रही है। एम्स और पीजीआई जैसे संस्थान की बनारस में जरूरत है। सरकारी हेल्थ सिस्टम में सुधार करने की जरूरत है। व्यवस्था कुछ ऐसी होनी चाहिए कि आसानी से इलाज उपलब्ध हो सके.
आकांक्षा
युवा रोजगार की तलाश तो कर ही रहा है, लेकिन सरकार को उन लोगों के लिए स्टार्टअप करने में सहयोग करना चाहिए। टैलेंट को प्लेटफॉर्म देने के लिए पॉलिसी बनानी चाहिए। बच्चों को कोई प्लेटफॉर्म दिया जाए, वे अच्छा कर सकते हैं। रुकी हुई वैकेंसी निकाली जाए.
नेहा
राजनीति में पढ़े-लिखे लोगों को हïी आना चाहिïए। अपराधियों के लिए राजनीति नहïीं हïै। अगर ऐसे लोग आते हïैं तो उनका विरोध किया जाएगा। सरकार को हïर स्तर पर काम करने की जरूरत हïै। वैसे विकास हïमारा मुख्य मुद्दा हïै।
शफक
फस्र्ट टाइम वोटर
मेरा मुद्दा एजुकेशन रहेगा। एजुकेशन सिस्टम में बदलाव होना चाहिए। पेपर लीक की समस्या को सबसे पहले खत्म किया जाए। रोजगार मलों को कैंपस में बढ़ावा दिया जाए। अधिक से अधिक नॉलेज देने वाली एजुकेशन होनी चाहिए। इसके साथ जॉब ओरिएंटेड एजुकेशन को बढ़ावा देने की जरूरत है.
खुशी