वाराणसी (ब्यूरो)। चोर चोरी से जाए, हेराफेरी से न जाए। घटतौली को लेकर कितना भी डिजिटलाइज्ड सिस्टम हो जाए लेकिन टेनी मारने की प्रथा रुकेगी नहीं। कोई भी ट्रिक लगाकर दुकानदार टेनी मार ही दे रहे हैैं। कम तौल की शिकायत पर बाट-माप विभाग ने कैंपेन चलाकर सिटी की मंडियों में जांच की तो दो सौ दुकानदार ऐसे मिले जो हर तौल में टेनी मारकर आम जनता की गाढ़ी कमाई से मालामाल हो रहे थे। इन दुकानदारों पर डिपार्टमेंट के अफसरों ने 12 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है.
कमाई में सेंध
आम आदमी की कमाई पर किस तरह से दुकानदार सेंध लगा रहे हैं, यह सिटी की मंडियों में जाकर देखा जा सकता है। डिपार्टमेंट को पिछले कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि दुकानदार सामान कम तौल रहे हैं। इस पर डिपार्टमेंट के अफसरों ने टीम बनाकर सिटी की प्रमुख मंडियों में सभी तराजू, बटकरा से लेकर इलेक्ट्रानिक्स कांटों की जांच की तो काफी गड़बडिय़ां सामने आई.
हर तौल में कमी
चंदुआ सब्जी मंडी में इलेक्ट्रानिक्स कांटा से आलू, प्याज, भिंडी, बैगन तौलते के लिए उसमें इस तरह से अंकों की सेटिंग कर रखे थे कि एक किलो के तौल में 30 से 40 ग्राम तक सब्जी बचा लेते थे। ऐसे तौल के मामले में चंदुआ सट्टी बदनाम है। सड़क पर जितने भी दुकानदार हैं, उसमें से अधिकतर के पास लोहे का बाट ही नहीं है। कई सब्जी विक्रेता तो ऐसे हैं जो पत्थर और ईंट के बने बाट से तौल करते हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित कर विभाग ने बाट की जांच की तो काफी कमी पाई गई.
खोवा मंडी में पकड़ी कमियां
बाट-माप विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभियान चलाकर खोवा मंडी में भी काफी गड़बडिय़ां पकड़ी गई। जिनके पास बाट नहीं था, उनको लोहे के बाट रखने के लिए हिदायत दी गई। इलेक्ट्रानिक काटा में जो लोग कम तौल रहे थे उनके कांटे को सीज कर दिया गया। जुर्माना अलग से लगाया गया, क्योंकि यह दुकानदार अधिक कमाने के चक्कर में आम जनता की गाढ़ी कमाई पर सेंध लगा रहे थे.
200 केस पकड़े
बाट माप विभाग के अधिकारियों ने कैंपेन के दौरान 200 केस ऐसे पकड़े, जो कम तौल रहे थे। इनमें सब्जी, खोवा, गल्ला, दूध शामिल है। इसके अलावा कई कारोबारियों ने पैकेट पर एमआरपी अधिक लिखे थे उसके हिसाब से वजन कम थे। ऐसे करीब सौ मामले सामने आए। सभी पर जुर्माना लगाया गया। करीब 12 लाख रुपए जुर्माने के तौर पर सभी दुकानदारों से वसूला गया.
समय से कराएं बाट की जांच
बाट माप विभाग ने दुकानदारों व व्यापारियों को अवेयर करने के लिए कैंप लगाया और बाट माप के बारे में जानकारी दी। व्यापारियों व दुकानदारों की समस्याएं भी सुनी। दुकानदारों का कहना है कि रिन्यूअल फीस कितना लगता है, इसके बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं है। कितने दिनों में कांटों की जांच करानी चाहिए। इसके लिए कितना फीस लगता है, इसके बारे में सवाल किया। कैंप में बाट माप विभाग के अधिकारियों ने सभी की समस्याओं का समाधान किया। कैंप में वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, लोहा व्यापार मंडल के महामंत्री रजनीश कन्नौजिया, बाट माप विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार, प्रभांशु मिश्रा, बद्री नारायण सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे.