वाराणसी (ब्यूरो)डिजिटलाइजेशन के दौर में धीरे-धीरे सबकुछ हाईटेक हो गया हैएक पूजा और श्राद्धकर्म बचा था, वह भी अब इस प्लेटफार्म से जुड़ चुका हैदेश या फिर विदेश के किसी भी कोने में रहें, कहीं से भी श्राद्धकर्म, पिंडदान कर सकते हैंइसके लिए काशी में आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां के कर्मकांडी ब्राम्हणों, पुरोहितों ने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सारी सुविधाएं तैयार रखी हैयही से मंत्र पढ़ेंगे वहीं पर आपका श्राद्धकर्म हो जाएगा.

यूथ भी आ रहे आगे

इस हाईटेक होते श्राद्धकर्म, पिंडदान में अब कई श्राद्धकर्म कराने वाले पुरोहितों की संतानें इस फील्ड में आ चुकी हैैंइसे अपनाकर दूर-दराज तक श्राद्धकर्म और पिंडदान, तर्पण वगैरह करा रहे हैंक्योंकि समय के साथ अब लोग पितरों के प्रति भी काफी गंभीर हो चुके हैंनौकरी और व्यवसाय ठीक से चले, इसलिए वह अपने पूर्वजों को तर्पण करना नहीं भूलतेदेश के कोने में कहीं भी रहे पितृपक्ष में अपने पितरों को तर्पण जरूर करते हैं.

एप से लैस कर्मकांडी

जो जजमान त्रिपिंडी, या फिर श्राद्ध करने नहीं आ पाते हैं, उनको अपने मोबाइल पर वीडियो काल कर श्राद्ध कराते हैंपांच ब्राह्मïण हो या फिर 11, सभी लोग एक साथ मंत्रोच्चार कर श्राद्ध की प्रक्रिया को पूर्ण कराते हंैनरायण बलि, त्रिपिंडी के अलग-अलग रेट निर्धारित कर रखे हंैनरायण बली के लिए 18 सौ रुपए का सामान लगता हैवहीं त्रिपिंडी के लिए 19 सौ का सामान लगता है.

5 ब्राह्मïणों का पूजन

5 ब्राह्मïणों के पूजन के लिए 11 हजार तो 10 ब्राह्मïणों के लिए 15 हजार रुपए लिए जाते हैैंइसके अलावा जैसा जजमान वैसा दक्षिणा लिया जाता हैडिजिटलाइजेशन के दौर में अधिकतर श्राद्ध कर्म कराने वाले पुरोहित भी कैशलेस हो चुके हैंपंडा समाज के लोग इन दिनों जहां ऑनलाइन माध्यम से पूजा, अनुष्ठान करवा रहे हैं तो वहीं दक्षिणा भी यूपीआई के माध्यम से ले रहे हैं.

वीडियो कालिंग से पूजन

श्राद्ध कर्म कराने वाले पुरोहितों का कहना है कि समय के अभाव में कई लोग पितृपक्ष में शामिल नहीं हो पातेऐसे लोगों को वीडियोकाल के माध्यम से उनका श्राद्ध कराया जाता हैजो खर्च आते हैं, उसे अपने एकाउंट में सीधे मंगवा लेते हंैइसके लिए गूगल पे के अलावा कई कंपनियों का एप ले रखे हैंइस एप पर दक्षिणा और पूजन में जितना खर्च आता है, मंगवा लेते हैंबार कोड से भी पेमेंट मंगवाते है.

कम्युनिकेशन के दौर में पूजा से लेकर श्राद्धकर्म भी ऑनलाइन हो रहे हंैजो लोग नहीं आ पाते हैं उनको ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ही उनका श्राद्ध करवा देते हैं.

पंअरविन्द राय, ज्योतिषाचार्य

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से श्राद्ध कर्म कराते हैंपिंडदान से लेकर नरायण बलि का भी पूजन कराते हंैऑनलाइन पर भी कई लोगों का श्राद्ध कराएंगे

शिवकुमार तिवारी, पुरोहित, श्राद्धकर्म