वाराणसी (ब्यूरो)। बारिश के पानी का संचय करने के लिए नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में पांच तालाबों को चिन्हित किया है। इन तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा और बारिश का पानी रोकने के लिए तटबंध बनाकर पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने 13 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को पहले ही शहर में 300 लोग अपना चुके हैं। इनमें उद्यमी, होटेलियर्स और आमजन शामिल हैं। पिछले साल शहर में 1100 एमएम बारिश हुई थी.
होगा पानी का संचय
नगर निगम के मुख्य अभियंता ने बताया कि बारिश के पानी का संचय करने के लिए पांच तालाबों का चयन किया गया है। इनमें पोंंगलपुर, कंदवा, नेवादा, सुसुवाही और ऐढ़े का तालाब शामिल है। इनके सौंदर्यीकरण के लिए बजट भेजा गया है। तालाबों में तटबंध का कार्य भी किया जाएगा। इससे बारिश का पानी तालाब में ही रहेगा। इससे जल का स्रोत बढ़ेगा। ग्राउंड वाटर रिचार्ज होगा.
अमृत योजना-2
नगर निगम ने अमृत योजना-2 के तहत 13 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाकर दो महीना पहले ही भेज दिया है। बजट आने पर तालाबों का सौंदर्यीकरण करवा कर बारिश के पानी का संचय शुरू होगा।
300 ने अपनाया सिस्टम
भूगर्भ जल के अफसर की मानें तो शहर के तीन सौ लोग हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपना चुके हैं। इनमें सबसे अधिक होटल संचालक हैं। इसके अलावा फैक्ट्री व हास्पिटल शामिल हैं। जिनके यहां हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है वे बारिश के पानी का संचय कर उसका यूज कर रहे हैं.
पांच तालाबों में बारिश के पानी का संचय करने के लिए अमृत योजना-2 के तहत 13 करोड़ का बजट बनाकर भेजा गया है। बारिश का पानी संचय होने से ग्राउंड वाटर रिचार्ज होगा।
मोइनुद्दीन, मुख्य अभियंता, नगर निगम
शहर में 3 सौ लोग वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपना चुके है। अन्य लोगों को यह सिस्टम अपनाने के लिए नोटिस भेजा गया है। पिछले साल 11 सौ एमएम बारिश हुई थी.
राहुल शर्मा, भूगर्भ जल अधिकारी