वाराणसी (ब्यूरो)। स्थान : कबीरचौरा अस्पताल, समय : दोपहर 12 बजे। यहां पर मरीजों को बेड नहीं मिल रहा है, लेकिन बेंच व जमीन पर बाहरी लोगों ने कब्जा जमा रखा है। दिन में पुरुष काम पर चले जाते हैैं तो महिलाएं पंखे की हवा में बैठी व सोती देखी गईं। हॉस्पिटल में आराम से घर बनाकर रहने वालों को कोई कुछ कहने वाला नहीं हैै और जो मरीज हैैं उनको बैठने की जगह नहीं मिल रही है। वह बेड के लिए इधर-उधर भटक रहे हैैं। मरीजों को हॉस्पिटल के बाहर ही जमीन पर लेटना पड़ रहा हैै.
मरीजों को नहीं मिल रहे बेड
हॉस्पिटल में मरीज बेड की आस में इधर उधर घूम रहे थे। उनसे बात की गई तो चला कि वह सोमवार रात से बेड के लिए कोशिश कर रहे हैैं पर उन्हें बेड उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैैं। इसलिए वह हॉस्पिटल के बाहर ही जमीन पर लेटे हैैं। व्यक्ति गंभीर रूप से घायल था। बेड के लिए मरीज के तीमारदार काफी कोशिश कर रहे थे पर कोई उनपर ध्यान नहीं दे रहा था.
हमें कोई हटा नहीं सकता
कुछ बाहरी लोगों ने सरकारी हॉस्पिटल को ही घर बना लिया है। आराम से हॉस्पिटल के हॉल पर सो रहे लोगों को कोई भी कुछ कहने वाला नहीं था। उनका कहना था कि वे सभी बस पंखे की हवा के लिए हॉस्पिटल में सोने आते हैैं। जब वहां पर बैठे लोगों से पूछा गया कि वे हॉस्पिटल में क्यों रह रहे हैैं तो उन्होंने कहा कि हमें कोई हटा नहीं सकता है।
फैली हुई थी गंदगी
वहीं चप्पल स्टैैंड होते हुए भी लोगों ने चप्पलों को जमीन पर फैला रखा था और स्टैैंड पूरा खाली पड़ा था। यही नहीं लोगों ने हॉल के कोने में ही गुटका फैला रखा था। हालांकि कुछ जगहों पर सफाई भी दिखी। वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों से बात करके पता चला कि उन्हें तीनों टाइम खाना मिल रहा हैै। आज नाश्ते में उन्हें दूध और ब्रेड दिया गया था.
नहीं मिला जवाब
महिला अस्पताल में दो बजे के बाद अल्ट्रासाउंड नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी होती हैै। इस संबंध में सीएमएस डॉक्टर मनीषा सिंह सेंगर से पूछा गया कि अगर किसी मरीज को इमरजेंसी है और उसको दो बजे के बाद अल्ट्रासाउंड कराना हैैं तो वह क्या करेगा। इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.