वाराणसी (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी ङ्क्षसह के सामने उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग की व्यवस्था की बखिया उधेड़ दी। बुलानाला निवासी विश्वनाथ राय ने तो ऐसी बात चेयरमैन के सामने रखी कि वह सोचने पर विवश हो गए। करीब 75 साल के विश्वनाथ ने बताया कि वह वर्ष 2018 से बिल जमा करने के लिए बिजली विभाग से अकाउंट नंबर व आइडी मांग रहे हैं लेकिन विभाग नहीं दे रहा है जिससे बिल का दायरा तो बढ़ ही रहा है, कनेक्शन की वैधता पर भी सवाल उठ रहा है.
उन्होंने बताया कि अग्रसेन डिग्री कालेज परिसर के बाहरी हिस्से में फोटो कापी की दुकान है। उसकी आइडी के लिए छह साल से प्रयासरत हूं। चार फोरम पर बात रखी लेकिन कुछ नहीं हुआ। विभाग में शिकायत के अलावा व्यथा फोरम और नियामक आयोग तक को शिकायत की लेकिन अभी तक बात वहीं अटकी है जहां से मैंने शुरुआत की थी। कहा कि बीते साल भी इसी दरबार में आया था और अब एक बार फिर आया हूं। साहब, मामले का निस्तारित कर दीजिए। चेयरमैन ने मामले को हल करने का निर्देश दिया.
अधीक्षण अभियंता की शिकायत
उपभोक्ताओं ने नगरीय विद्युत वितरण खंड-तीन कज्जाकपुरा के अधीक्षण अभियंता पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा कि बिल बढ़ा हुआ आ रहा है। मीटर नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं। समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है.
घाटे को कम करने का उपाय सुझाया
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली घाटे को कम करने का उपाय सुझाया। बताया कि 32 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनसे विभाग बिल की वसूली ही नहीं कर पा रहा है। उन्होंने अफसरों से सवाल किया कि सात प्रतिशत बिजली चोरी रोकने का क्या प्रयास विभाग की ओर से हो रहा है। बताया कि अकेले पूर्वांचल डिस्काम में 104 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है। साथ ही यह भी आयोग के चेयरमैन से बताया कि बिजली कंपनियों पर ही उपभोक्ताओं का 25133 करोड़ सरप्लस है। ऐसे में बिजली बढ़ोतरी का प्रस्ताव खारिज किया जाना चाहिए। बिजली कंपनियों ने असेसमेंट के सापेक्ष 371 करोड़ की वसूली ही नहीं की.
बिजली बिल में हो रही गड़बड़ी
सारनाथ के नवापुरा निवासी जानकी मौर्या, कर्ण घंटा के दीनदयाल केशरी, प्रदीप यादव ने बिजली बिङ्क्षलग में गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराई। प्रदीप का कहना था कि उल-जलूल बिल रहा है। जिससे सभी लोग परेशान हैं.