वाराणसी (ब्यूरो)अस्पतालों में आने वाले ज्यादातर पेशेंट में उल्टी, दस्त, सिर दर्द, पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्या देखी जा रही हैअस्पतालों की समान्य ओपीडी में आने वाले मरीजों में चिकित्सकीय जांच के बाद पता चल रहा है कि इस भीषण गर्मी में भी हैवी डाइट लेने की वजह से लोग इस तरह की बीमारी के शिकार हो रहे हैंओपीडी के 50 प्रतिशत से ज्यादा में यह समस्या पाई जा रही हैअगर आप भी इस तरह के भोजन का सेवन कर रहे हैं तो जरा संभल जाइएकहीं ऐसा न हो कि आपको भी अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ जाए.

केस-1

जैतपुरा के नगमा की 10 साल की बेटी को दो दिन पहले पेट में दर्द हुआकुछ देर बाद उसने तीन चार बार उल्टी कर दीदूसरे दिन नगमा जब उसे लेकर मंडलीय अस्पताल पहुंची तो जांच के बाद पता चला कि उसने रात में हैवी खाना खा लिया थाइससे उसे डायरिया हो गया

केस-2

पहडिय़ा निवासी राजेश पांडेय का 20 साल का बेटा दो दिन से उल्टी और दस्त से पीडि़त थाइसके बाद उसे जिला अस्पताल लाया गयाजांच के बाद पता चला कि ज्यादा खाना खाने की वजह से वह डायरिया का शिकार हो गयाबॉडी में पानी की कमी होने से उसे यही एडमिट कराने की सलाह दी गई

ये दो केस तो सिर्फ बानगी भर हैंहीट वेव को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी लगातार लोगों को अलर्ट के साथ अवेयर कर रहा हैऐसे में चिकित्सक भी सिर्फ मरीजों को ही नहीं, अन्य लोगों को भी इस गर्मी में हैवी डाइट के बजाय लाइट डाइट का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं

मेडिसिन वार्ड हुआ फुल

मंडलीय अस्पताल में पिछले सप्ताह तक 1200 मरीज पहुंच रहे थे, वह संख्या बढ़कर अब 2000 तक पहुंच गई हैइसमें सबसे ज्यादा भीड़ सामान्य और चिल्ड्रेन ओपीडी में है। 18 बेड वाला चिल्ड्रेन वार्ड बच्चों से भर गया हैइसमें आधे से अधिक बच्चे मौसमी बीमारियों की चपेट वाले हैंवहीं, बच्चों का वार्ड नंबर 13 भी फुल हैइसमें ज्यादातर बच्चे डायरिया के हैंजिला अस्प्ताल में भी 1500 से अधिक मरीज हर दिन ओपीडी में आ रहे हैंयहां बच्चों और महिलाओं के लिए बने वार्ड फुल हैंइनको बुखार, जुकाम के साथ ही उल्टी दस्त की समस्या है.

इमरजेंसी में भी पेशेंट भरे

इमरजेंसी में भी आधे से अधिक बेड मरीजों से भरे हैंमंडलीय अस्पताल, दीनदयाल अस्पताल, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में पर्चा काउंटर और पैथोलॉजी में जांच कराने के लिए लाइन के साथ ही ओपीडी में भी फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में भीड़ देखी जा रही है

लगातार बढ़ रहे मरीज

बाल रोग विशेषज्ञ डॉसीपी गुप्ता ने बताया, ओपीडी में आने वाले बच्चों में उल्टी-दस्त, सिर दर्द, पेट दर्द निमोनिया के अलावा डायरिया की समस्या देखी जा रही हैकरीब 50 प्रतिशत केस डायरिया के हैंऐसे में इन्हें लाइट व लिक्विड डाइट की सलाह दी जा रही हैसुबह चार की जगह दो चपाती ही खाएंदही और छाछ का सेवन अधिक करेंफ्राई, मैदा और ऑयली चीजों व बासी खाना को अवाइड करेंयह फूड प्वाइजनिंग का सबसे बड़ा कारण हैउन्होंने नारियल पानी और सादा पानी का इस्तेमाल करने की सलाह भी दीइससे डिहाइड्रेशन से बचा जा सके.

यह बरतें सावधानी

- धूप से आने के बाद फ्रि ज का पानी पीने से बचें.

- ज्यादा तेल मसाला युक्त भोजन से परहेज करें.

- मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें.

- अगर बाहर धूप में निकल रहे हैं तो चेहरा ढककर निकलें.

- शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए.

इनका सेवन करें

- तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककरी, दही.

ये ना खाएं

- मैदा युक्त खाना

- बासी खाना व खुले में देर तक रखा कटा हुआ फल

- धूप में खड़े होकर पानी न पीएं.

- तेल, रिफाइन में तली हुई चीजों को अवॉइड करें.

फैक्ट फाइल

2000 के करीब मरीज पर डे पहुंच रहे मंडलीय अस्पताल में

800 मरीज तीन महत्वपूर्ण सामान्य ओपीडी में

200 मरीज बाल रोग ओपीडी में

150 मरीज आर्थो ओपीडी में

100 मरीज सर्जरी ओपीडी में

110 मरीज ईएनटी ओपीडी में

150 मरीज स्किन ओपीडी में

50 मरीज मनोरोग विभाग की ओपीडी में

440 मरीज अन्य ओपीडी में

गर्मी के चलते मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ हैबच्चों का वार्ड फुल हैगंभीर रूप से बीमार बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा हैइमरजेंसी में भी उल्टी, दस्त, बुखार वाले मरीज भर्ती हैंडॉक्टर्स की टीम बच्चों की लगातार निगरानी कर रही हैं

डॉएसपी सिंह, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल

ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैइसमें सर्दी-जुकाम के साथ पेट दर्द, उल्टी, दस्त व डायरिया संबंधी बीमारी वाले मरीज अधिक हैंवार्डों में मरीज एडमिट हैंसभी को पूरी चिकित्सकीय व्यवस्था दी जा रही है

डॉआरके सिंह, सीएमएस, जिला अस्पताल