वाराणसी (ब्यूरो)। जहां शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर अभियान चलाया जा रहा है, वहीं शहर की नई सरकार बनते ही नगर निगम में कंडम घोषित वाहनों के नाम पर पाट्र्स गायब होने की जांच शुरू हो गई है। इसमें लाखों के गोलमाल की आशंका जताई जा रही है। दरअसल, नगर निगम में करीब 100 वाहन कंडम घोषित कर कबाड़ में रखे गए हैं। इसमें ट्रक, जेसीबी, लोडर सहित अन्य छोटे-बड़े तमाम वाहन शामिल हैं। तमाम कंडम वाहनों के महत्वपूर्ण पाट््र्स गायब हैं। वहीं कंडम वाहनों के महत्वपूर्ण पार्ट गायब करने के प्रकरण को महापौर अशोक कुमार तिवारी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने नगर आयुक्त सात ङ्क्षबदुओं पर रिपोर्ट तत्काल तलब की है। इसमें अनियमितता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम भी मांगे गए हैं.
15 वर्ष से पुराने वाहन
निष्प्रयोज्य वाहन वर्षों से नगर निगम मुख्यालय परिसर के अलावा बेनियाबाग, जलकल विभाग, करसड़ा, पशु चिकित्सा कार्यालय परिसर में भी रखा गया है। इसमें से 50 से अधिक वाहन 15 वर्ष से भी अधिक पुराने बताए जा रहा है। निगम ने वर्ष 2001 से 2017 तक के तमाम वाहन निष्प्रयोज्य घोषित किया है। वहीं निगम के परिवहन विभाग ने निष्प्रयोज्य से वाहनों की सूची तैयार कर ली है। परिवहन विभाग निष्प्रयोज्य वाहनों की नीलामी की भी प्रक्रिया में जुट गया है। इस क्रम में निष्प्रयोज्य से वाहनों का मूल्यांकन कराने के लिए आरटीओ को पत्र लिखा गया है।
महापौर ने किया था निरीक्षण
पदभार ग्रहण करने के बाद महापौर अशोक कुमार तिवारी ने नगर निगम परिसर का निरीक्षण किया था। इस दौरान कंडम वाहनों से इंजन समेत अन्य कलपुर्जों के गायब होने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद नगर आयुक्त ने एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने को कहा था। मामले को लेकर महापौर का सख्त रवैया जारी है। उन्होंने कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी है.
महापौर ने इन ङ्क्षबदुओं पर मांगी सूचना
-कंडम वाहनों की संख्या।
-कंडम वाहन कब क्रय किए गए। इसका संपूर्ण विवरण।
-कंडम वाहन कितने दिनों तक उपयोग किए गए। इसकी अवधि।
-गायब हुए कंडम वाहनों के पाट््र्स का विवरण।
-ए-टू-जेड से प्राप्त संपूर्ण वाहनों का विवरण।
- ए-टू-जेड द्वारा नगर निगम को वाहनों के हैंडओवर करने की तिथि
-वाहनों का चेसिस नंबर व गाड़ी नंबर।