वाराणसी (ब्यूरो)। भारत की अध्यक्षता में जी-20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक वाराणसी में संपन्न हुई। इसमें जी-20 के सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच मसौदा घोषणा पर विस्तार से चर्चा हुई। सीडब्ल्यूजी की बैठक में लिये गए परिणाम दस्तावेज और अध्यक्ष के सारांश के माध्यम से वैश्विक नीति निर्धारण के केंद्र में संस्कृति की स्थिति पर जोर दिया। संस्कृति मंत्रियों की बैठक का आयोजन शनिवार को होगा। उन्होंने कहा कि 9 साल में 400 से अधिक पुरावशेषों को पुन: प्राप्त कर भारत लाया गया है.
चर्चा करने का अवसर
शनिवार को होने वाली जी-20 की अहम बैठक के बारे में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि वाराणसी में आयोजित संस्कृति बैठक ने सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है। पहली सांस्कृतिक समूह बैठक खजुराहो में, दूसरी भुवनेश्वर में, तीसरी हम्पी, कर्नाटक में और चौथी अब वाराणसी में आयोजित की गई थी। वाराणसी सांस्कृतिक मंत्रिस्तरीय घोषणा शनिवार को मंत्रिस्तरीय बैठक के अंत में की जाएगी.
कार्यक्रम व वेबिनार हुए आयोजित
जी किशन रेड्डी ने कहा कि इस वर्ष इस सांस्कृतिक कार्य समूह में विभिन्न कार्यक्रम और वेबिनार आयोजित किए गए। इन वेबिनारों और कार्यक्रमों में विभिन्न जी-20 देशों और आमंत्रित देशों के रिकॉर्ड 159 विशेषज्ञों के साथ-साथ अन्य हितधारकों ने भाग लिया। सभी के इनपुट के आधार पर घोषणा की जाएगी। भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी से सांस्कृतिक समूह की बैठक और घोषणा को देखना हमारे लिए एक यादगार क्षण है.
वाराणसी में रहते हैं सभी घरानों के कलाकार
इस अवसर पर संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि संगीत की सभी घरानों के कलाकार, कलाकृति, संग्रहालय, मंदिर और परंपराओं के कारण ही हम सभी वाराणसी में एकत्र हुए हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने विभिन्न देशों के लोगों को करीब लाकर सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अवसर को चिह्नित करने के लिए सांस्कृतिक एकता की थीम पर एक डाक टिकट जारी किया जाएगा.
सुर वसुधा का होगा आयोजन
संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि शनिवार को टीएफसी में एक भव्य सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम सुर वसुधा का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम में वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर 29 देशों के संगीतकार एक साथ आएंगे। कार्य सत्र समाप्त होने के बाद प्रतिनिधियों ने क्रूज के माध्यम से गंगा नदी, घाट और भव्य गंगा आरती को देखा। इसके बाद प्रतिनिधियों ने प्रसिद्ध नृत्यांगना और कोरियोग्राफर रानी खानम द्वारा आयोजित मनमोहक सांस्कृतिक प्रदर्शन देखा। कथक नृत्य प्रस्तुति का उद्देश्य भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के सार को पकडऩा था.
आज दुनिया देखेगी बनारस की संस्कृति
जी-20 देशों के सम्मेलन के दौरान शनिवार को दुनिया संगीत, ज्ञान और विरासत के उत्सव की साक्षी बनेगी। बड़ा लालपुर स्थित हस्तकला संकुल में ग्लोबल आर्केस्ट्रा सुर वसुधा की धमाकेदार प्रस्तुति होगी। इसमें जी-20 के साथ ही नौ और देशों के मेहमान जश्न में शामिल होंगे। बनारस की गीत और संगीत की विरासत समृद्धि है। इसे अब दुनिया भी देखेगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य रूपों की प्रस्तुति होगी। शहर में पहली बार इस तरह के आयोजन में कलाकार एक साथ एक मंच पर आएंगे। अपनी कला और संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे। देश भर में हुए जी-20 की बैठकों के दौरान अब तक इस तरह का आयोजन नहीं हुआ है। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाली काशी में 26 अगस्त को जी 20 की बैठकों का समापन होगा.