वाराणसी (ब्यूरो)। सावन के बीच शुरू हुए पुरुषोत्तम मास को भगवान विष्णु ने अपना नाम दिया है। विष्णु को शिव अतिप्रिय हैं इसलिए इस माह में भगवान शिव की पूजा का महत्व और बढ़ जाता है। ऐसे में पहले से ही सावन में शिवमय हुई काशी में भक्तों की भीड़ और बढ़ गई है। बाबा काशी विश्वनाथ को पूजने और जल चढ़ाने प्रतिदिन असंख्य शिवभक्त अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। काशी, कांवर, हर-हर गंगे और हर-हर महादेव, सावन मास इन्हीं में समर्पित है। बुधवार को 50 हजार से अधिक कांवरिए बाबा दरबार पहुंचे.
कई की मुरादें पूरी
प्रतिदिन हजारों कांवरियों का झुंड का काशी आगमन जारी है। हर सड़क पर हर ओर, कांवरियां और उनकी शिवभक्ति का जोर। कई ऐसे जिनकी मुरादें बाबा ने पूरी की तो कई ऐसे जिन्हें अपनी मुराद पूरी होने का इंतजार। यह क्रम बुधवार को भी बना रहा। बोल-बम का उद्घोष करते कांवरियें सीधे गंगा किनारे पहुंचे।
रास्तेभर बाबा का बखान
शिव तत्व की आभा से आलोकित शिवभक्त कलशों में गंगाजल भरकर मंदिर प्रस्थान करते और भर रास्ते बाबा का महिमा बखान करते। कांवरियों में बाबा काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करने की उत्कंठा अद्भुत रही्र। संख्या भले कम रही, लेकिन भक्ति अखंड बही। सभी स्वअनुशासित होकर गंगा स्नान किया। संकल्प लिया और बाबा दरबार की ओर बढ़ चले।
पंचक्रोशी यात्रा में हुजूम
दूसरी ओर पुरुषोत्तम मास के क्रम में पंचक्रोशी यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का हुजूम भी शहर में कई ओर नजर आया। किसी झुंड की यात्रा पूर्ण हुई तो कई हुजूम ने यात्रा प्रारंभ का संकल्प उठाया। सभी मणिकर्णिका घाट पर जुटे और संकल्प उठाते हुए पावन कठिन यात्रा पर नंगे पांव बढ़ चले। बादलों की आवाजाही संग तपती धूप में उमस भरी गर्मी सहते श्रद्धालुओं ज्यादातर महिलाएं दिखीं। सभी कतार की शक्ल में चलते रहे और भक्ति की अलख जगाते रहे। मन में शिव संग भगवान विष्णु का ध्यान और उन्हीं के गुणगान से सभी ऊर्जावन होकर चलते रहे.