वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस मंडल में भू-माफिया और अतिक्रमण के मामले को लेकर जिला प्रशासन लाख दावा कर ले कि इन मामलों पर पूरी तरह से लगाम लगा दी गई है। लेकिन, असलियत में इन मामलों में नियंत्रण लाना जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी के द्वारा बनाई जाने वाली प्रति माह जिले की प्रगति और विकास रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि दिसंबर माह में जिले के अंदर इससे संबंधित कुल 517 मामले आए हैैं, जो यह दर्शाते हंै कि शहर में अभी भी भूमाफियाओं के आंतक और उनके वर्चस्व बने हुए हंै। इन पर प्रशासन लगाम लगाने में नाकाम साहित हो रहा है.
भू राजस्व के केसेज
जिला अर्थ और संख्याधिकारी की रिपोर्ट में गौर से देखने पर यह पता चलता है कि अतिक्रमण से ज्यादा इनमें भू राजस्व के मामल हैैं। इनमें ज्यादातर जमीनों पर लेन देन के साथ जबरदस्ती और धमकी के साथ कब्जे करने के मामले में खुलासा हुआ है। ऐसे में यह आंकड़ा चिंता दर्शाता है कि आखिर इन मामलों पर कैसे और किस प्रकार से नियंत्रण लगाया जाए.
शिकायतों से हुआ खुलासा
नागरिकों द्वारा इनके आंतक के बर्दाश्त करने की सीमा बाहर होने जाने के बाद शिकायत की जाती है। ऐसे में इन मामलों की शिकायतों की पंजीयन के बाद विभिन्न विभागों से जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी के माध्यम से आडिट रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस आडिट रिपोर्ट को फिर मंडलायुक्त के समक्ष पेश किया जाता है, जिसे देखते हुुए फिर इनका डाटा तैयार किया जाता है.
अतिक्रमण की भी शिकायतें
गौर करनी वाली बात है कि शहर के अंदर अतिक्रमण की शिकायतें जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम प्रशासन को रोजाना मिलती है, जिन पर टीम की द्वारा कार्रवाई की जाती है। इसके बाद भी शहर के अंदर अतिक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैैं। ऐसे में प्रशासन के ऊपर अब सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हंै कि आखिर कैसे अतिक्रमण और भूमाफिया की दादागिरी पर लगाम लगाया जा सके.
पोर्टल पर दर्ज होती हैं शिकायतें
प्रदेश सरकार की तरफ से भूमाफिया और गैैंग पर लगाम लगाने के लिए भूमाफिया पोर्टल एप बनाया गया है, जिस पर शहर के नागरिक अपनी शिकायतों को दर्ज कराते हैं और प्रशासन उनको ससमय निस्तारण करवाता है। इतना ही नहीं ससमय पर प्रशासन की तरफ से ऐसे भूमाफियों के साथ बैठकें करके समझौते के माध्यम से समाधान से निकालने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। बताया जाता है कि पोर्टल पर भू से संबंधित राजस्व और सिविल दोनों प्रकार की शिकायतें समय के अनुसार की जा सकती हंै.
डाटा पर एक नजर
जिला-शिकायतें-गलत मिलीं-कोर्ट में विचाराधीन-निस्तारित-हटाए गए अतिक्रमण-राजस्व वाद-लंबित शिकायतें-
वाराणसी-517-126-03-357-13-03-18
भूमाफिया गैंग से निपटने के लिए कमेटी के प्रारूप
-तहसील लेवल पर
-जिला लेवल पर
-भूमाफिया गैैंग से बैठक करके
-शहर के 10 बड़े भूमाफिया पर नकेल लगाकर
नागरिकों के द्वारा पोर्टल और तहसील दिवस में शिकायत की जाती है। इस दौरान तहसील और प्रशासन की टीम द्वारा मौके का निरीक्षण करते हुए और समझौते के आधार पर मामले का निस्तारण सात दिनों के भीतर करवा दिया जाता है.
रणविजय सिंह, एडीएम प्रशासन