वाराणसी (ब्यूरो)। पिछले एक सप्ताह से शहर के अंदर अवैध विज्ञापन और होर्डिंग को लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है। ऐसे में शहर के अंदर फैले अवैध विज्ञापनों के कारोबार ने नगर निगम के विज्ञापन रेवेन्यू को पिछले सात सालों से जबरदस्त तरीके से चूना लगाया। इसके बाद बौखलाए नगर निगम ने शहर के अंदर अवैध विज्ञापन दाताओं से कर वसूली करने के लिए उनके विज्ञापन और होर्डिंग की शिनाख्त करनी शुरू कर दी। इसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई भी करनी शुरू कर दी गई। बताया गया है कि जी 20 सम्मेलन तक शहर में एक भी अवैध विज्ञापन और होर्डिंग को शहर में नहीं दिखेगा.
15 सौ स्पाट का हुआ चिन्हाकन
अवैध विज्ञापनों के जाल को पकडऩे के लिए नगर निगम के कर विभाग की टीम ने शहर के अंदर विभिन्न स्पाट पर पड़़ताल करनी शुरू कर दी। इसके बाद शहर के अंदर 1500 सौ से ज्यादा ऐसे स्पाट का चिन्हाकन किया गया है, जहां पर बिना नगर निगम प्रशासन की अनुमति के अवैध रूप से विज्ञापन और होर्डिंग लगाई गई है। इसके बाद से शहर प्रशासनिक अमले में सनसनी मच गई है.
7 साल में 35 करोड़ का लास
नगर निगम द्वारा प्रत्येक विज्ञापन के लिए उसकी साइज के अनुसार तय रेट के अनुसार कर लिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के रेवेन्यू विभाग की तरफ से प्रति वर्ष विज्ञापन से 8 करोड़ रूपये की आमदनी का अनुमान होता रहा है। लेकिन, पिछले सात सालों से प्रतिवर्ष नगर निगम को अवैध विज्ञापन और होर्डिंग के जाल के कारण 5 करोड़ का नुकसान होता रहा है। इस तरह नगर निगम को अब तक 35 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.
पहले परमिशन फिर विज्ञापन
नगर निगम की तरफ से नियमावली में परिवर्तन कर दिया गया है। अब नई निययमावली के अनुसार प्रत्येक विज्ञापनदाता को पहले नगर निगम कार्यालय से विज्ञापन की साइज और लोकेशन के रेट के हिसाब से परमिशन लेनी होगी। इसके बाद शहर के किसी भी कोने में अपने उत्पाद के प्रचार प्रसार के लिए एजेंसी को विज्ञापन की अनुमति रहेगी.
सबसे ज्यादा प्राइवेट एडवरटाइजर
नगर निगम की तरफ से जिन अवैध लोकेशनों पर विज्ञापन और होर्डिंग का चिन्हाकन किया गया है। उनमें सबसे ज्यादा प्राइवेट एडवरटाइजर निकलकर सामने आये हैं, जोकि घरों, छतों और पुलों की रेलिंगों से लेकर पब्लिक स्पेस के ईर्द गिर्द अपने विज्ञापन को दर्शाते हुए देखे गए हैं। ऐसे में प्रशासन की तरफ से प्रत्येक लोकेशन की पहचान करके उन पर कार्रवाई करते हुए उनसे अपने रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए कार्य करने पर जोर देना शुरू कर दिया है.
विभाग के राजस्व में इजाफा करने के लिए हमारी टीम की तरफ से अवैध विज्ञापन और होर्डिंग दाताओं के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। इसके बाद विभाग से अनुमति पश्चात शहर के किसी भी कोने में विज्ञापन करने की अनुमति रहेगी.
संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम