वाराणसी (ब्यूरो)। कोचिंग संचालक स्टूडेंट और उनके पेरेंट्स को गुमराह करके पूरे साल मोटी फीस वसूलते हैं। लेकिन, अब वह ऐसा नहीं कर सकेंगे। सभी कोचिंग संचालकों को रजिस्ट्रेशन के साथ टीचर व स्टूडेंट्स का विवरण अपडेट करना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिंग संचालकों पर जुर्माना के साथ कार्रवाई की जाएगी। शासन की ओर से कोचिंग संचालकों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इसके अनुसार कोचिंग का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। विडंबना यह है कि जिले में 500 से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन सिर्फ 85 का ही है। यानी 400 से अधिक कोचिंग सेंटर इल्लीगल चल रहे हैैं.
संख्या के आधार पर रजिस्ट्रेशन
कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन छात्र की संख्या के आधार पर किया जाता है। इसके लिए शिक्षा विभाग में शुल्क जमा करना होता है। नए नियम के अनुसार कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन हर तीन साल में कराना होगा। इसके लिए 50 बच्चों पर 10 हजार रुपये शुल्क लगता है, वहीं 50 से ऊपर बच्चे होने पर 25 हजार रुपये जमा करने का नियम है।
टीचर का विवरण भी जरूरी
कोचिंग संचालक को रजिस्ट्रेशन के समय कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक का विवरण भी देना होता है, इसमें उसकी शैक्षिक योग्यता और पूरा पता शामिल होता है। इसके अलावा कोचिंग में पढऩे वाले प्रत्येक बच्चे का विवरण दर्ज करना होता है। विद्यार्थियों को कोचिंग की शुल्क की रसीद उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके बैठने की व्यवस्था, जिस इमारत में कोचिंग संचालित हो रही है, उसमें आग आदि से सुरक्षा का प्रमाण देना होता है.
एक लाख तक जुर्माना
शहर में 500 से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान में विभाग में सिर्फ 85 कोचिंग सेंटर रजिस्टर्ड हैं। इनमें प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी शामिल हैं। विभाग की ओर से बिना रजिस्ट्रेशन और मानक के विपरीत चल रहीं कोचिंग सेंटर्स की जांच करने के लिए टीमें बनाई गई हैं। जो कोचिंग रजिस्टर्ड नहीं होगी, उन पर 50 हजार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा.
ये हैैं नियम
ोचिंग में पढ़ाने वाले टीचर्स की योग्यता कम से कम ग्रेजुएट होनी चाहिए.
टीचर के पास संबंधित सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए.
सी ऐसे व्यक्ति या शिक्षक की सेवाएं लें, जिसे किसी अपराध के लिए दोषी न ठहराया गया हो.
ोचिंग में एडमिशन लेने आ रहे बच्चों के पेरेंट्स और छात्रों से जॉब लगवा देने जैसे झूठे वादे नहीं करने हैं.
या अच्छे अंक की गारंटी नहीं देनी होगी। 100 फीसदी प्लेसमेंट वाले विज्ञापन पर रोक लगाना होगा.
16 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थी का नामांकन ना करें या उसके बाद ही विद्यार्थी का नामांकन होना चाहिए.
ोचिंग में दाखिला लेने वाले छात्रों की सारी डिटेल्स मौजूद होनी चाहिए.
किसी भ्रामक बात को प्रकाशित करना या प्रकाशित करवाना या प्रकाशन में भाग नहीं लेना होगा.
छात्र ने कोर्स के लिए पूरा भुगतान कर दिया है और बीच में ही कोर्स छोड़ रहा है, तो निर्धारित अवधि तक छात्र को पूर्व में जमा की गई फीस में से धनराशि वापस कर दी जाएगी.
छात्रों की सहायता के लिए कोचिंग सेंटर में प्राथमिक चिकित्सा किट और चिकित्सा सहायता/उपचार सुविधा रहनी चाहिए.
अस्पताल, आपातकालीन सेवाओं के लिए डॉक्टर, पुलिस हेल्पलाइन विवरण, अग्निशमन सेवा हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन जैसी रेफरल सेवाओं की सूची प्रदर्शित की जाएगी और छात्रों को उनके बारे में सूचित किया जाएगा.
सभी कोचिंग की जांच कराई जाएगी। मानक के विपरीत कोचिंग का संचालन होने पर संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। बिना पंजीकरण के कोचिंग सेंटरों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा.
अवध किशोर सिंह, डीआईओएस