वाराणसी (ब्यूरो)गोदौलिया व गुरुबाग के बीच बसे लक्सा मार्केट की चकाचौंध पूर्वांचल ही नहीं पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हैहजारों वर्ष पहले भले यह क्षेत्र विरान था लेकिन आज यह बनारसी साड़ी का सबसे बड़ा हब बन गया हैइस मार्केट की खासियत यह है कि प्रभु श्रीराम के पुत्र लवकुश के मंदिर के अलावा मां लक्ष्मी का मंदिर है जहां सच्चे मन से प्रार्थना करने पर संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती हैयही वजह है कि यहां प्रतिदिन पूजा करने वालों का तांता लगा रहता हैपूजन करने के बाद लोग खरीदारी जरूर करते हैखासकर बनारसी साड़ी में टसर सिक्ल, केला कतान की साडिय़ों के लिए सबसे बेस्ट मार्केट हैतो आइए आज हम इस मार्केट पर नजर डालते हैं.

लवकुश ने किया शिक्षा ग्रहण

लक्सा बाजार का इतिहास काफी पुराना हैऐसे ही इस मुहल्ले का नाम लक्सा नहीं पड़ायहां प्रभु श्रीराम चन्द्र के पुत्र लव व कुश शिक्षा ग्रहण करने आते थेदुकानदार बताते है कि हजारों वर्ष पहले यहां पर आश्रम में लव व कुश शिक्षा ग्रहण करने के लिए आए थे यहीं पर कुछ दिनों तक रहकर शिक्षा ग्रहण की थीइस क्षेत्र का प्राचीन नाम लवकुशेश्वर थायहां लवकुशेश्वर का मंदिर आज भी हैमंदिर में भगवान श्रीराम के दो पुत्र लव और कुश की प्रतिमा स्थापित हैधीरे-धीरे लवकुशेश्वर को लोग लक्सा के नाम से पुकारने लगेदेखते ही देखते इस मुहल्ले का नाम लक्सा पड़ गयादूसरी तरफ लक्ष्मी कुंड है.

बन गया साड़ी का हब

प्रभु श्रीराम के पुत्र लव व कुश का क्षेत्र आज पूर्वांचल का सबसे बड़ा गारमेंट्स का हब बन गया हैइस क्षेत्र की खासियत यह है कि यहां दर्शन-पूजन तो करते ही हैं साथ ही आराम से खरीदारी भी करके जाते हैंकोई भी ऐसा दिन नहीं रहता जिस दिन इस क्षेत्र में जाम न लगती होयहां रेडीमेड गारमेंट्स से लेकर साड़ी, सलवार, सूट, बच्चों के कपड़े के अलावा एक से एक शेरवानी, सूट बिकते हैंदुकानदार रोहन का कहना है कि पहले कपड़े की दुकान गोदौलिया चौराहे तक थीधीरे-धीरे दुकानें लक्सा व गुरुबाग तक लगने लगाआज इस मार्केट में करीब 6 सौ से अधिक दुकानें है

तीन करोड़ का कारोबार

गोदौलिया चौराहे से लेकर गुरुबाग के बीच छह सौ से अधिक दुकानें हैसौ साल पहले दो से तीन ही दुकानें थी् इसके बाद धीरे-धीरे इस क्षेत्र में स्कूल ड्रेस की दुकानें सबसे अधिक खुलीइसके बाद लेडीज सूट, ड्रेस मैटेरियल्स की दुकानें धड़ाधड़ खुल गयीइसके बाद पिछले चार सालों में जिस प्रकार से टूरिस्टों की संख्या बढ़ी है इसको देखते हुए बनारसी साड़ी की दुकानें काफी तेजी से खुली हैप्रतिदिन इन दुकानों से 3 करोड़ का कारोबार होता है.

टसर सिल्क की डिमांड

लक्सा साड़ी के लिए फेमस हैएलीट क्लास हो या फिर हाई क्लास सभी साड़ी के लिए यही आते हैयहीं नहीं वेडिंग सीजन में भी शहर के अलावा पूर्वांचल के जिलों से लोग यहां खरीदारी के लिए आते हैखास बात यह है कि इस मार्केट में बनारसी साड़ी के अलावा फैंसी साडिय़ों की भी वॅरायटी मौजूद हैसबसे अधिक बनारसी साड़ी टूरिस्ट खरीदने के लिए आते है

बनारसी साड़ी का सबसे बड़ा हब है लक्सायहां पर अब सबसे अधिक टूरिस्ट ही खरीदारी के लिए आते हैसीजन में तो पैर रखने तक की जगह नहीं होती.

रोहन सिंह, साड़ी विक्रेता

विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद लक्सा मार्केट के गली-गली में साड़ी की दुकानें खुल गयी हैसभी दुकानों पर टूरिस्टों की भारी भीड़ रहती है.

चेतन सिंह, दुकानदार

लक्सा साड़ी के लिए सबसे बेस्ट मार्केट हैयहां पर खासकर बनारसी साड़ी की खरीदारी के लिए सबसे अधिक कस्टमर आते है.

श्वेता गुप्ता, शॉप कीपर

सभी दुकानों में कई रेंज की साडिय़ां मौजूद हैसबसे बड़ी बात है कि यहां के मार्केट कभी डाउन नहीं होताहमेशा कस्टमर्स आते रहते है.

अकील अहमद, दुकानदार