वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस शहर को आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग ने नया प्लान तैयार किया है। यूपी में स्ट्रीट डॉग्स की बढ़ती संख्या और हमलों के चलते सरकार किसी भी तरह निजात की तैयारी में जुटी है। सरकार की तरफ से सभी 17 नगर निगमो में इस प्रक्रिया को लागू कराने के आदेश जारी किए हैं। अब यहां भी एक टीम शहर के अंदर आवारा कुत्तो को पालने वालों की मदद करेगा। स्ट्रीट डॉग्स को पालने और वैक्सीनेशन का खर्चा रजिस्ट्रेशन के बाद नगर निगम देगा.
पांच तक का रजिस्ट्रेशन
नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग के अनुसार कोई भी शहरी एक से लेकर पांच कुत्तों को पाल सकता है। इसके लिए नागरिक को स्ट्रीट डॉग्स को पकडऩे के बाद अपने घर पर बकायादा उनके लिए अलग स्पेस बनाते हुए रखना होगा। साथ ही पशु चिकित्सा विभाग में रजिस्ट्रेशन भी करवाना आवश्यक होगा। फिर विभाग की तरफ से सुविधाएं दी जाएंगी.
मिलेगी मेडिकल फैसिलिटी
इस प्रक्रिया को सफलता पूर्वक शहर में लागू करने के लिए नागरिकों के ऊपर कोई खर्चे का बोझ नहीं बढ़ेगा। रजिस्ट्रेशन के बाद विभाग की तरफ से पाले हुए डॉग्स का मेडिकल किया जायेगा। इजांच करने के बाद उनका वैक्सीनेशन भी होगा। साथ ही नसबंदी भी की जाएगी.
कुत्ते के हिसाब से पेमेंट
इस बारे में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डॉग्स को पालने वालों के लिए प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रति डॉग्स के हिसाब से प्रति माह 500 रुपये मिलेंगे। एक तरीके से कहा जाए तो ये राशि देखभाल के लिए होगी.
भोजन की व्यवस्था होगी
प्रदेश सरकार ने पशु चिकित्सा विभाग को समस्त प्रकार की सुविधा देने के लिए कहा है.इसके लिए पालकों को प्रति डॉग्स के हिसाब से खिलाने का खर्चा भी दिया जाएगा। इसके साथ ही समय-समय पर दी जाने वाली प्रोटीन और विटामिन भी कर्मचारियो द्वारा डोर टू डोर प्रोवाइड की जाएगी.
आवारा डॉग्स को पालने वाले लोगों को पशु चिकित्सा विभाग के कार्यालाय में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। सरकार के आदेशानुसार वैक्सीनेशन से लेकर मेडिकल के साथ ही अन्य समस्त प्रकार की सुविधाएं प्रोवाइड करायी जाएंगी.
अजय प्रताप सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी