वाराणसी (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार ने पौराणिक व ऐतिहासिक स्थलों को पॉलीथिन व स्पिटिंग मुक्त बनाने का निर्णय लिया है। इसमें बनारस के भी कई स्थल शामिल किए हैं। प्रदेश सरकार के निर्णय की जानकारी के बाद जिला व नगर प्रशासन से इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है। नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों की मदद से शहर के प्रमुख स्थलों के आसपास जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें स्थानीय लोगो से लेकर आने वाले पर्यटकों को पॉलीथिन के दुष्प्रभाव और स्पिटिंग से होने वाली गंदगी के बारे में अवेयर किया जाएगा। यही नहीं नुक्कड़ नाटक कर लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक करने का प्लान भी बनाया जा रहा है.
सीसीटीवी से होगी निगरानी
पॉलीथीन और स्पिटिंग पर कंट्रोल करने के लिए नगर निगम प्रशासन की तरफ से सभी चिन्हित लोकेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जायेंगे। इनकी मदद से प्रत्येक लोकेशन की निगरानी की जाएगी। इस निगरानी में स्पिटिंग करने वाले लोगो को ट्रैस किया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति स्पिटिंग करते हुए पाया गया तो उस पर अर्थंदड की कार्यवाही की जायेगी.
ठेला पटरी पर बैन
नगर निगम प्रशासन की ओर से शहर के सभी धार्मिक पौराणिक स्थलों के साथ ही पर्यटन स्थलों के आस-पास ठेला पटरी वाले दुकानदारो की निगरानी की जायेगी। सख्त हिदायत दी जायेगी कि इन स्थलो के रेडियस में पालीथिन में खाद्य सामग्री से लेकर प्रसाद तक पॉलीथिन में नहीं बेचेंगे। पर्यटन स्थलों पर एलईडी स्क्रीन लगाई जायेगी। स्क्रीनों पर अवेयरनेस कार्यक्रम का हर वक्त प्रसारण किया जाएगा.
इन प्लेस पर मॉनिटरिंग
- काशी विश्वनाथ टेंपल
- नमो घाट
- एसआई म्यूजियम सारनाथ
- रामनगर फोर्ट
- दशाश्वमेध घाट
जनजागरूकता कार्यक्रम की मदद से पालीथिन के दुष्प्रभाव और स्पिटिंग के माध्यम से होने वाली गंदगी के बारे में अवेयर कराया जायेगा।
एनपी सिंह, नगर स्वास्थय अधिकारी
पर्यटन को बढावा देने पर पुरजोर बल दिया जा रहा है। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को पालीथिन और स्पिटिंग के दुष्प्रभाव के बारे में अवेयर करते हुए इस पर लगाम लगाई जायेगी.
प्रीति श्रीवास्तव, डायरेक्टर, पर्यटन विभाग