वाराणसी (ब्यूरो)। आठ वर्ष पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय यदि टूट गए हैं तो परेशान न हों। उसकी मरम्मत सरकार अपने खर्च से कराएगी। इसके लिए जरूरत सिर्फ आनलाइन आवेदन करने की है। सत्यापन व आकलन के बाद निर्माण की धनराशि सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जाएगी। यह तय समय पर पहुंचे व कार्य भी पूर्ण हो, इसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सचिवों की होगी.
ताकि साफ-सुथरे रहें गांव
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अतिमहत्वाकांक्षी योजना ओडीएफ के तहत वर्ष 2014 में जौनपुर में छह लाख व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया था। इसमें से अब कई जर्जर स्थिति में हैं। अब मिशन की उपयोगिता बनाए रखने के लिए सरकार ने शौचालयों के मरम्मत व रखरखाव की भी जिम्मेदारी उठाए जाने का फैसला लिया है, ताकि गांवों को साफ-सुथरा बनाए रखने के प्रयास की कड़ी न टूटे.
यहां करें आवेदन
ऐसे करना होगा आवेदनलाभार्थियों को पंचायतीराजडाटयूपीडाटएनआइसीडाटइन की वेबसाइड पर जाना होगा। इसके बाद पंचायती राज विभाग के व्यक्तिगत शौचालयों की मांग के लिए आवेदन के तहत रेट्रोफिङ्क्षटग विकल्प का चुनाव करते हुए आवेदन करना होगा। इसमें टैंक भरने, छत के जर्जर होने अथवा पानी टंकी व जर्जर दरवाजों सहित अन्य किसी प्रकार का कार्य कराने के लिए जानकारी देनी होगी.
ब्लाक पर आफलाइन आवेदन
आवेदन प्राप्त होते ही यह ब्लाक पर पहुंच जाएगा। किन्हीं कारणों से आनलाइन आवेदन न होने पर संबंधित ब्लाक पर आफलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। आवेदन को निरस्त करने की स्थिति में संबंधित अधिकारी को इसके लिए कारण भी लिखित में स्पष्ट करना होगा.
सरकारी मदद से बने शौचालय यदि इस समय क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो उन्हें दुरुस्त कराने के लिए आवेदन किया जा सकता है। सत्यापन के बाद उन्हें ठीक कराया जाएगा.
अनूप सिंह, समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन