वाराणसी (ब्यूरो)। अगर आप अधिक तनाव लेने लगे हैं तो संभल जाइए। इसको नजरंदाज मत कीजिए। यह आपकी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है। बदलती जीवनशैली और अस्वस्थ खानपान की आदतों के कारण हाइपरटेंशन या हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं। हेल्थ डिपाटमेंट के आंकड़े बताते है कि पांच साल के अंदर 15 से 30 वर्ष तक के यूथ में यह बीमारियां पांच गुना बढ़ी हैं.
एक साइलेंट किलर
सीएमओ के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर है। अक्सर सिर दर्द या चक्कर आने की समस्या आती है। कई दिनों तक हाई बीपी बने रहने पर यह मस्तिष्क, हृदय, किडनी और आंखों पर भी असर होता है। बचपन में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने से बच्चों में स्ट्रोक, हार्ट अटैक, किडनी फेल होना, आंखों की रोशनी कम होना और एथेरोस्क्लेरोसिस या धमनी के सख्त होने का खतरा ज्यादा होता है.
हमेशा नहीं दिखते लक्षण
हाई बीपी में जरूरी नहीं है कि हमेशा लक्षण दिखाई दें, लेकिन तब भी यह शरीर को प्रभावित करता है और आगे चलकर व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा रहता है। कुछ मामलों में हाई ब्लड प्रेशर सिरदर्द, आई साइट पर असर, चक्कर आना, नाक बंद, सीने में दर्द, सांस लेने में समस्या, दिल की धड़कन का तेज होना और मितली का कारण बन सकता है.
क्या है हाइपरटेंशन
राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी कि हाई ब्लडप्रेशर वह स्थिति होती है, जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इसमें तनाव, फास्ट फूड, व्यायाम की कमी, धूम्रपान का सेवन आदि शामिल है। सामान्य रक्त परिसंचरण याीि ब्लड सर्कुलेशन की रेंज 120/80 एमएम ऑफ एचजी होती है.
क्या कहते हैं आंकड़े
नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के आँकड़ों की माने तो जनपद में वर्ष 2015-16 में 15 से 30 वर्ष के यूथ ज्यातादर हाइपरटेंशन के शिकार हो रहे है। उससे ऊपर की 4 परसेंट महिलाएं सामान्य से थोड़ा ऊपर, 0.5 परसेंट मध्यम से ऊपर और 0.6 परसेंट सबसे अधिक हाइपरटेंशन से ग्रसित थीं। जबकि 2019-21 में यह दर बढ़कर क्रमश: 13.3 परसेंट, 3.9 परसेंट और 19 प्रतिशत हो गई है। वहीं 15 वर्ष व उससे ऊपर के 5.4 परसेंट पुरुष सामान्य से थोड़ा ऊपर, 0.7 परसेंट मध्यम से ऊपर और 0.3 परसेंट सबसे अधिक हाइपरटेंशन से ग्रसित है। अब यह दर बढ़कर क्रमश: 20.9 परसेंट, 5.6 परसेंट और 27.1 प्रतिशत हो गई है.
रोजाना करें एक घंटे व्यायाम
रोजाना करीब एक घंटे शारीरिक व्यायाम, योगा व प्राणायाम करें। खाने में कम व संतुलित मात्रा में नमक का प्रयोग, कम वसा वाले भोजन के इस्तेमाल से मानसिक तनाव से बचा जा सकता है। आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श पर विभिन्न आयुर्वेद औषधियों के सेवन और शिरोधारा जैसे पंचकर्म के प्रयोग से उच्च रक्तचाप को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप के रोगियों के उपचार और दवाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
ऐसे करें बचाव
-धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें.
-हरी-सब्जियों और फलों का सेवन करें.
-छह माह में एक बार बीपी जरूर चेक करवाएं
-कम फैट वाले डेयरी प्रॉडक्ट्स को डायट में शामिल करें
-रोजना करीब एक घंटे तक व्यायाम करें.
-भोजन में नमक की मात्रा कम रखें.
-शरीर को एक्टिव रखें और अपना वजन घटाएं.
-रोजाना मॉर्निंग वॉक या रनिंग की आदत डालें.
-फैमिली के साथ अच्छा समय बिताएं.
17 को विश्व रक्तचात दिवस है। इस दिन जिले के सभी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंदों, राजकीय चिकित्सालयों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। शिविर में 15 से 30 वर्ष व इससे ऊपर के यूथ स्क्रीनिंग होगी। इसके अलावा उचित परामर्श भी दिए जाएंगे। इस उम्र के लोग ज्यादा शिकार हो रहे है.
डा। संदीप चौधरी, सीएमओ