वाराणसी (ब्यूरो)। टमाटर को लेकर इस समय पूरे देश में हाय-तौबा मचा हुआ है। सिटी में भी 120 से लेकर 140 रुपए किलो की दर से बिक रहा है। इसके बाद भी इसकी डिमांड जारी है। जिस टमाटर के रेट को लेकर किचन से लेकर मार्केट की मंडियों में किचकिच हो रही है, वह देखने में सुंदर लगता है लेकिन हेल्थ के लिए पौष्टिक नहीं है। यह हम नहीं डाक्टर और प्रोफेसर कह रहे हैं। इसमें विटामिन की मात्रा ही नहीं है। पोषक तत्व भी कम है। हाइब्रिड टमाटर टेस्ट में अच्छा लगेगा लेकिन हेल्थ के लिए काफी हार्मफुल है। इससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैैं किस तरह नुकसानदायक है यह लाल टमाटर.
केमिकल से पकाया जाता है
बीएचयू के डाक्टर की मानें तो मार्केट में इस समय जो हाइब्रिड टमाटर बिक रहा है वह केमिकल से पकाया जाता है। यह बॉडी के लिए काफी नुकसानदायक होता है। इसे खाने से शरीर में कई बीमारियां होती हैं। इसके बजाय लोगों को देसी टमाटर खाना चाहिए जो हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है.
जेनेटिकली मॉडिफाइड टमाटर
डाक्टरों की मानें तो मार्केट में जो हाइब्रिड टमाटर बिक रहा है वह जेनेटिकली मॉडिफाइड टमाटर है। इसके खाने से एलर्जी, एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट की समस्या होती है। इसको अधिक मात्रा में सेवन करने पर एसिडिटी, स्टोन या किडनी की समस्या हो सकती है। देसी टमाटर की तुलना में हाइब्रिड टमाटर कई दिनों तक ताजा और सुरक्षित रहते हैं, लेकिन इनमें पोषक तत्व की मात्रा देसी टमाटर के मुकाबले 15 से 20 परसेंट कम होती है.
प्रतिदिन मंडी में पांच ट्रक की खपत
पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी पहडिय़ा में प्रतिदिन 5 ट्रक टमाटर की आवक हो रही है। इन टमाटरों को शहर की मंडियों में भेज दिया जा रहा है। इन मंडियों में हाइब्रिड टमाटर 120 से लेकर 150 रुपए किलो की दर से बिक रहा है, जबकि आम दिनों में 15 से 16 गाड़ी टमाटर की खपत होती थी.
इन राज्यों से आवक
हाइब्रिड टमाटर की ज्यादातर आवक आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बेंगलुरु से हो रही है। इन राज्यों में हाइब्रिड टमाटर का प्रोडक्शन बड़े पैमाने पर होता है। यह टमाटर मोटे छिलका का होता है। 15 दिनों तक एकदम फ्रेश नजर आता है। इसलिए इन राज्यों से आने में खराब नहीं होता। एक कैरेट में करीब 20-22 किलो टमाटर आता है, जिसकी कीमत करीब 25 सौ रुपए प्रति कैरेट है.
क्या है हाइब्रिड
यह टमाटर सुर्ख लाल और टाइट होता है। इन्हें हाथ में लेने पर लगेगा कि इसमें कोई रस ही नहीं है। इन टमाटरों का टेस्ट भी बिल्कुल फीका होता है। यह ज्यादा दिनों तक चलता है। स्वास्थ्य के लिए यह काफी हानिकारक है। इसकी खेती करने के लिए तमाम तरह की दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है। दो तरह की प्रजाति मिलाकर हाइब्रिड टमाटर को तैयार किया जाता है.
देसी टमाटर
यह देखने में गोल और रसीले होते हैं। खाने में स्वादिस्ट और पौष्टिक होता है। देसी टमाटर का टेस्ट हल्का खट्टा होता है। इसका कलर हल्का हरा और हल्का पीला होता है। देखने में ऊपर से कच्चा लगता है लेकिन अंदर से पका होता है.
देसी के मुकाबले हाइब्रिड टमाटर में पोषक तत्व कम होता है। देसी की इतनी उपज नहीं है, इसलिए हाइब्रिड की मांग बढ़ गई है। गर्मी में देसी टमाटर देखने को कम मिलता है। इसलिए मार्केट में हाइब्रिड टमाटर की डिमांड बढ़ गई है.
डा। एसएस पांडेय, चिकित्साधिकारी, आयुष
हाइब्रिड टमाटर में केमिकल डालकर उपज किया जाता है। इसमें पोषक तत्व बहुत कम होता है। यह शरीर के लिए फायदेमंद नहीं है। स्वाद में भी फीका रहता है। इसके सेवन से काफी बीमारियां होती हैं.
डा। सुशील अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, ईएनटी विभाग
जोड़ों के दर्द वालों के लिए टमाटर जहर है। हड्डी को गलाता है। हड्डी से संबंधित कोई भी बीमारी हो तो इसमें टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए। यह खतरनाक हो सकता है। हाइब्रिड टमाटर का सेवन जितना कम करेंगे उतना ही स्वस्थ्य रहेंगे.
मणिलाल विश्वकर्मा, न्यूरोथेरेपिस्ट