वाराणसी (ब्यूरो)। काशी की जनता सावन में झमाझम बारिश के बारे में सोच रहे हैं तो भूल जाएं, अभी एक हफ्ता तक तेज बारिश के लिए कोई आसार नहीं बन रहा। वजह मौसम विभाग उत्तरी-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में मानसून का लो प्रेशर बताया जा रहा है। इसके चलते सिर्फ छिटपुट बारिश ही होगी। एक हफ्ते बाद बंगाल की खाड़ी मानसून का सिनेरियो बदलेगा, तभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश के आसार दिखेंगे.
दिन में धूप, रात में उमस
सावन के महीना में बारिश के लिए बाबा की नगरी काशी तरस रही है। दिन में तीखी धूप से परेशान हैं तो रात में उमस के बीच बीत रहा है। जिस मौसम में झमाझम बारिश होना चाहिए, भीषण गर्मी की बेचैनी से हर वर्ग परेशान है। मंगलवार को दिन के तापमान में भले ही बढ़ोतरी नहीं हुई मगर चिपचिपाती पसीने वाली गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया। बेचैनी व घबराहट से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है.
गर्मी के तेवर नहीं हो रहे कम
सावन महीना में सावनी फुहार से माहौल खुशनुमा होता है, लेकिन इस बार सावन महीना के दो सोमवार बीत जाने के बाद भी श्रावणी फुहार दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। बादलों की आवाजाही से लोगों को लग रहा है बारिश होगी, लेकिन बादल भी ललचाकर चले जा रहे हैं। दिन में तीखी धूप से बदन से पसीना छूट रहा वहीं बेचैनी से बुरा हाल है.
सामान्य से एक डिग्री अधिक तापमान
मंगलवार को तेज धूप के साथ तापमान भी 35 डिग्री रहा जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा। मौसम के मिजाज को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी एक हफ्ता तक बारिश के आसार नहीं है। बादलों की आवाजाही से सिर्फ कुछ जगहों पर छिटपुट ही बारिश होगी। दिन चढ़ते ही सूर्य की किरणों ने ऐसा कहर बरपाना शुरू किया कि लोग बेहाल हो उठे। तीखी धूप से आमजन परेशान है।
तेज बारिश का अंदेशा नहीं
बीएचयू विभाग के मौसम विभाग की मानें तो एक हफ्ते के अंतराल में तेज बारिश का अंदेशा नहीं है। दिन में बादलों की आवाजाही लगी रहेगी। धूप भी दिन में लोगों को परेशान करेगा। बंगाल की खाड़ी में मानसून का लो प्रेशर होने की वजह से बादल टिक नहीं पा रहे हैं। एक हफ्ते बाद जब वहां से मानसून चलेगा तो बारिश होने की संभावना बढ़ जाएगी.
उत्तरी-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में मानसून का एक लो प्रेशर सिस्टम बन गया है। इसके चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं बन पा रही है। बादलों की आवाजाही से छिटपुट बारिश होगी लेकिन झमाझम बारिश में अभी एक हफ्ता का समय है.
प्रो। एसएन पांडेय, मौसम वैज्ञानिक, बीएचयू