-मंडलीय अस्पताल का पैथोलॉजी होगा हाईटेक
-मरीजों की सुविधा का होगा सारा इतंजाम, काम हुआ शुरू,
VARANASI
हर तरफ फैली गंदगी, बिजली के टूटे तार, गंदे टेबल और टूटी कुर्सियां अब
एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल के पैथोलॉजी में नजर नहीं आएंगे। उसकी तस्वीर बदलने वाली है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने सरकारी अस्पतालों की पैथोलॉजी को अपग्रेड करने की प्लानिंग की है। इसके तहत मंडलीय हॉस्पिटल की पैथोलॉजी को हाईटेक बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत भी हो गयी है। कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है। हॉस्पिटल प्रबंधन की माने तो यहां पीपीपी मॉडल के दो और एक सरकारी पैथ लैब है।
आ गया बजट
मंडलीय हॉस्पिटल की पैथोलॉजी को हाईटेक करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बजट एलाट किया गया है। पूरे काम पर 2.37 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लैब को नया रूप अप्रैल तक मिल जाएगा। काम पूरी रफ्तार से शुरू हो गया है। हाईटेक हो रही पैथोलॉजी में मरीजों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इससे न सिर्फ मरीजों को कम समय में टेस्ट रिपोर्ट मिलेगा, बल्कि लैब असिस्टेंट का समय भी बचेगा।
ये होंगे बदलाव
-कमरा नंबर 22 में बने अस्पताल के पैथोलॉजी सेंटर की सभी पुरानी व आउटडेटेड मशीनों को हटाकर हाई क्लास डिजिटल मशीनें लगाई जाएंगी।
-मैन पावर बढ़ाए जाएंगे। जो अपने-अपने फिल्ड के एक्सपर्ट होंगे
-मरीजों को एक छत के नीचे सभी जांच की सुविधा देने के लिए लैब में ही एक्स-रे रूम को भी सिफ्ट किया जाएगा।
-पैथोलॉजी को व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए इंटीरियर में बदलाव होगा।
-टेस्ट रिपोर्ट के इंतजार में लैब के बाहर घंटों खड़े रहने वाले मरीज व उनके अटेंडेंट के बैठने के लिए अलग से वेटिंग रूम बनाया जाएगा।
-पैथोलॉजी के साथ वेटिंग रूम को भी एयर कंडीशन बनाया जाएगा।
ये होते हैं टेस्ट
कंप्लीट हीमोग्राम
आईएनआर
थायराइड
ब्लड
शुगर
एचबीए1सी
ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट
एसजीजीटी,
डेंगू,
मलेरिया
चिकनगुनिया
ट्राइगलिसिरिड्स
एचडीएल कोलेस्ट्रोल
सीरियम कोलेस्ट्रॉल
आरए फैक्टर, एएसओ टिट्र
सी-रिएक्टिव प्रोटीन
सीरियम प्रोगेस्टॉन
सीरियम एमीलेस
सीरियम कैल्शियम
एलडीएच यूरीन
यूरीन यूरोबिलिनोजेन (क्वानटिटेटिव)
सीएसएफ ग्लूकोस
आईवीपी,
बेरियम मील
स्ट्रेस इकोकार्डियोग्राफी
ईईजी, ईसीजी
सीरियम लिथियम
सीरियम प्रोटीन
सीरियम सोडियम
सीरियम कैल्शियम
सीरियम फास्फोरस
टीआईबीसी एंड सीरियम फेरिटिन
टोटल लिपिड प्रोफाइल व सीरियम
सीरियम इलेक्ट्रॉलिट्स
वर्जन
पिछले माह ही डिपार्टमेंट ने पैथोलॉजी अपग्रेशन, मॉड्यूलर किचन व स्टाफ के लिए मल्टी स्टोरी बनाने का निर्देश दिया है। बजट भी आ चुका है। पहले फेज में पैथोलॉजी का काम शुरू किया गया है। इसमें कुछ डिजिटल मशीनें मंगाई जा रही है। एक दो माह में लैब बिल्कुल बदला हुआ नजर आएगा।
डॉ। अरविंद सिंह, एमएस, मंडलीय अस्पताल
हाईलाइट्स
325 बेड का हैं मंडलीय अस्पताल
2 हजार मरीज रोजाना पहुंचते हैं अस्पताल में
300 मरीजों को पैथोलॉजी में रोज होता है टेस्ट
200 मरीजों को होता है एक्स-रे