वाराणसी (ब्यूरो)। पिछले एक सालों के आंकड़े के आधार पर बनारसियों ने अपनी सेहत और जीविकोपार्जन के लिए नए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इनमें सबसे अधिक पशुओं को पालने का शौक और क्रेज बढ़ गया है। इसके बाद से जिले में पिछले एक साल के अंदर पशुओं को पालने और उनसे मिलने वाले दूध और दही के सेवन के केस में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि मार्केट के मिलावटी दूधों के प्रति अब उनका विश्वास कम होता जा रहा है जिसके कारण वे अब खुद ही पशुपालन की तरफ अपनी आवश्यकतानुसार के हिसाब से आगे बढ़ रहे हैं। दरअसल प्रत्येक पशुपालक को अपने पशु की जानकारी शहरी सीमा क्षेत्र को नगरीय पशु अधिकारी कार्यालय और ग्रामीण सीमा वाले को ग्रामीण पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में करना होता है.
30 हजार गोवंश का इजाफा
जिले के अंदर गोवंश के प्रति पालन और जागरूकता को लेकर लोगों के अंदर अब सतर्कता देखने को मिल रही है। इसके बाद से जिले के अंदर पिछले वित्तीय वर्ष 2020-2021 के सापेक्ष 2021-2022 में 30 हजार गोवंश पालने में इजाफे हुआ है। ऐसे में जिले के अदंर लोगों का रूझान काफी तेजी से पशुपालन की तरफ आकर्षित होता देखा जा रहा है.
गौशाला में भी गोवंश में इजाफा
जिले के अंदर गोवंश के संरक्षण और उनके द्वारा मिलने दूध के पादर्थो को लोगो तक शुद्ध्ता के ध्येय से पहुंचाने के लिए गौशाला के निर्माण में भी तेजी आई है। इसी के साथ जिला प्रशासन की पशु चिकित्सा की टीम के द्वारा इन गौशालाओं मे गोवंश के संरक्षण के मामलो में भी तेजी से इजाफा होता देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले सालों से ज्यादा इस साल गोवंश संरक्षण को महत्व दिया गया है.
लोगों को भा रहा है घर का दूध
बाजार के मिलने वाले पैक्ड दूध और डेयरी के दूधों से अब बनारसियों का मोह भंग होता हुआ देखा जा रहा है, जिसके फलस्वरूप अब जिले के अंदर गोवंश के संरक्षण और पालन मे काफी तेजी से इजाफा हो रहा है। बताया जा रहा है कि लोगों को अब शुद्ध और साफ दूध के साथ दही छाछ और मक्खन की दरकार है, जोकि उन्हें बाजार प्रोडक्ट में नहीं मिलती हुई दिखाई दे रही थी। इसके बाद से लोगों का अब पशुपालन की तरफ ध्यान आकर्षित होता हुआ दिखाई दे रहा है.
सेवा भाव में भी आगे
भारतीय सनातन धर्म के शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। अब जिले के अंदर एक तरफ गौ सेवा और खाने से पहले भोजन को देने को लेकर और पूजा को लेकर गोवंश संरक्षण और पालन की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाना शुरू कर दिया है। जिसके बाद से जिले के अंदर पशुधन और गौवंश की संख्या में इजाफा होता जा रहा है.
जिले के अंदर कुल गोवंश की संख्या-606849
कुल इजाफा-30 हजार
निराश्रित गोवंश-12449
एक नजर गोवंश के टीकाकरण पर
दिसंबर माह में टैग हुए-2410
क्रमिक रूप से टैग-283900
लोगों के अंदर अब जागरूकता का प्रचार प्रसार हो रहा है। जिस लिहाज से अब लोगों के अंदर गौवंश संरक्षण और पालन को लेकर जागरूकता आ गई है। इसी के साथ विगत पांच वर्षों में गौवंश पालन को लेकर काफी लोग एक्टिव हुए हैं.
अजय प्रताप सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी