वाराणसी (ब्यूरो)। हेयर फॉल जैसी समस्या से लोग परेशान थे। ऊपर से एक और परेशानी सामने आ रही है। ये खासकर उन यंगस्टर्स को परेशान कर रही है जो लगातार बाइक से ट्रैवेल करते हैं। इन लोगों के लिए ज्यादा समय तक हेलमेट लगाए रखना बालों पर भारी पड़ रहा है। इससे बालों में फ्रैक्चर हो रहा है। यानि बाल बीच में या जड़ के ऊपर से टूट रहे हैं। इससे बालों का विकास रूक रहा है। सिटी के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल के त्वचा और चर्म रोग विभाग की ओपीडी में इस समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या बढ़ रही है। मंडलीय व डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में एक माह में ऐसे करीब 200 मरीज आ रहे हैं। इनकी शिकायत है कि अचानक बालों की वृद्धि रुक गई है और झडऩे लगे हैं। मरीजों की केस हिस्ट्री लेने पर पता चलता है कि ये सभी हेलमेट का प्रयोग अधिक करते हैं.
लंबा सफर वालों को ज्यादा प्रॉब्लम
चिकित्सकों की मानें तो बाइक और स्कूटी से चलने वालों में हेयर फ्रैक्चर की समस्या ज्यादा देखी जा रही है। डेली 40 किमी या इससे अधिक ट्रैवेल करने वालों के साथ यह प्रॉब्लम अधिक है। इनमें डिलीवरी ब्वाय सेल्स की नौकरी करने वाले और डेली लंबी दूरी तय कर ऑफिस पहुंचने वाले ज्यादा हैं। फ्रैक्चर की स्थिति में हेयर बीच या जड़ों से टूट जाते हैं, जबकि ट्रोमा में चोट लगने से बाल तने से टूट जाते हैं। यह हेलमेट लगाने, आगे-पीछे करने, बालों को खींचने, केमिकल वाले ऑयल या सीरम लगाने से हो सकता है। इस तरह की प्रॉब्लम फेस करने वाले 80 परसेंट से ज्यादा लोगों की औसत उम्र 30 से 45 साल के बीच है। और सभी जानते हैं कि बाइक और स्कूटी चलाने वाले सबसे ज्यादा यंगस्टर्स है। अन्य 20 परसेंट में सभी एज ग्रुप के पेशेंट हैं.
ये वजह भी है बाल टूटते की
स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। स्नेहा गुप्ता का कहना है कि सिर्फ हेलमेट ही नहीं हेयर फ्रैक्चर की और भी कई वजहें हो सकती है। जैसै हार्मोनल चेंजेस, हार्मोन्स का डिस्बैलेंस होना, न्यूट्रीशियन, पॉल्यूशन, बालों या सिर में किसी तरह का संक्रमण भी बालों की प्राकृतिक बढ़ोत्तरी पर ब्रेक लगा सकता है। इसमें जड़ों के कमजोर होना का कारण रूट काज और ग्रोथ फैक्टर खोजा जाता है। इसी के आधार पर ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है, जिसमें अमूमन सीरम और तेल का प्रयोग होता है। हार्मोनल प्रॉब्लम में टैबलेट, कैप्सूल या अन्य दवाएं भी दी जाती हैं। जिससे पेशेंट इस प्रॉब्लम से बाहर आ सकें।
पसीना से पनपते हैं बैक्टीरिया
चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा देर तक हेलमेट लगाने से पूरा सिर पसीने से भीग जाता है। इसमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। ऐसा लगातार होने से यह बालों की जड़ों को कमजोर कर देती है। बार-बार हेलमेट लगाने से बाल तने या जड़ों से टूट जाते हैं। जड़ों से टूटने पर बाल देरी से उगते है। क्योंकि उन स्थानों पर लगातार बैक्टीरिया का हमला होता रहता है। इससे बाल जड़ों से ठीक से उग नहीं पाते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
-लगातार हेलमेट लगाने से पसीना आता है। इसकी भीतरी परत-गीली हो जाती है.
-इसलिए अपने हेलमेट को डेली साफ करें.
-हेलमेट उतारने के बाद उसे हवादार स्थान पर रखें.
-हेलमेट के दोबारा इस्तेमाल करने से पहले ध्यान रखें कि वह अच्छी तरह सूख चुका हो.
-बाइक से लंबी यात्रा करते समय बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें.
-हेलमेट लगाने से पहले सिर पर कॉटन का कोई कपड़ा बांधें.
-यह कपड़ा पसीना सोख लेगा, इससे हेयर फॉल कम होगा.
-इस कपड़े को भी डेली साफ करें
-हेलमेट उतारने के बाद बालों को साफ टॉवेल से पोछकर सुखाएं,
-बालों को डीप कंडीनिंग करें।
ऐसा भी होता है
-ज्यादा देर तक बालों के गीले रहने और पसीने से बैक्टीरिया पनपने से पतले और हल्के बालों में सॉफ्ट फ्रैक्चर हो जाता है.
-हेलमेट को सिर्फ ड्राइव करते समय पहनें। उतारने के बाद बालों को तुरंत सुखाएं.
हेयर फ्रैक्चर का एक फैक्टर हेलमेट है ही। दूसरा फैक्टर ये है कि वर्तमान में हम ऐसे वातावरण में रह रहे हैं जहां धूल, पॉल्यूशन जैसी चीजें हैं। इससे हाईजीन मेंटेन नहीं हो पा रही है। तनाव भी एक वजह है, जिससे इस तरह की समस्याएं लगातार बढ़ रही है.
डॉ। स्नेहा गुप्ता, स्किन स्पेशलिस्ट
हेयर फॉल की समस्या को लेकर लगातार मरीज आते रहते हैं। जबसे हेलमेट कंपर्सरी हुआ है, तबसे इस तरह की समस्या और बढ़ी है। हालांकि ये उन लोगों में ज्यादा देखा जाता है जो लंबी दूरी का सफर करते हैं। इन्हें अपने बालों के बचाव को लेकर सलाह दी जाती है.
डॉ। मुकुंद श्रीवास्तव, स्किन स्पेशलिस्ट, मंडलीय अस्पताल