आज यानी 29 सितंबर के दिन पूरी दुनिया वल्र्ड हार्ट डे मना रही हैइस दिन को मनाने का खास उद्देश्य लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरूक करना हैआज के समय में हर चौथा युवा हार्ट अटैक का शिकार हो रहा हैैबड़ी बात यह है कि युवाओं की उम्र 40 वर्ष से भी कम हैआज हम जितने आधुनिक होते जा रहे हैं, उतनी ही बीमारियों से घिरते जा रहे हैैं.

युवाओं पर अटैक

आज के समय में युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया हैबड़ी संख्या में कम उम्र के लोग हार्ट अटैक का शिकार होकर जान गंवा रहे हैंबीएचयू के ह्दय रोग विभागाध्यक्ष प्रोओम शंकर ने बताया कि बीएचयू में 10 वर्ष में 75 परसेंट केस हार्ट अटैक के आए हैं, जिसमें 50 परसेंट युवा हैयही नहीं उनकी उम्र 40 वर्ष से भी कम हैैएक समय था जब 65 की उम्र के बाद यह बीमारी की समस्या लोगों में देखने को मिलती थी, पर अब युवाओं में भी यह समस्या तेजी से बढ़ती जा रही हैै.

मशीनों पर हो गए हैैं निर्भर

डॉओम शंकर के अनुसार, युवाओं की गलत लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खानपान, अत्यधिक तनाव, स्मोकिंग, पॉल्यूशन, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर की समस्या और मोटापा दिल की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहा हैआज के दौर में हम मशीनों पर अत्यधिक निर्भर हो गए हैंबाइक, ऑटो, कार से यात्रा करते-करते हम साइकिल चलाना तो भूल ही गए हैंसाइकिल चलाने से भी हम अपने हार्ट को स्वस्थ रख सकते हैं और इसको चलाने से हम सेहतमंद रहने के साथ-साथ अपने पैसों को भी बचा सकते हैैं.

मैराथन का होगा आयोजन

हार्ट अटैक के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रोओम शंकर व अन्य ने मिलकर बनारस यूनिवर्सिटी से सुबह 6 बजे मैराथन का आयोजन किया हैयह मैराथन करीब 5 किलोमीटर का होगाइसका स्लोगन यह है कि अपने दिलों का इस्तेमाल दूसरे के दिलों को स्वस्थ रखने के लिए करें.

दिल स्वस्थ रखने के तीन आधार

दिल स्वस्थ रखने के तीन आधार हैं जिससे हम दिलों को स्वस्थ रखकर बचा सकते हंैसबसे पहले अपने हृदय को बचाएंदूसरा लोगों की ऐसी धारणा थी कि हृदय की बीमारी ज्यादातर उच्च वर्ग के लोगों को होती है, जोकि बिल्कुल गलत हैजितनी भी हृदय की समस्या लोगों को होती है उनमें 70 परसेंट लोग गरीब और मध्यम वर्ग के होते हैैंइनके पास पैसों की कमी होने के कारण यह इलाज करवाने में असमर्थ होते हैैंऐसे लोगों की रक्षा करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा और दिल खोलकर उनकी सहायता करनी चाहिएज्यादा से ज्यादा उनके लिए डोनेशन करें और उनकी मदद करेंतीसरा है प्लेनेट जोकि सबसे महत्वपूर्ण अंग है। 90 के दशक से पहले हमारे यहां मशीनों का उपयोग कम होता था और हम लोग ज्यादा से ज्यादा शारीरिक क्षम करते थेजबसे मशीन आयी है, हम उन पर आश्रित हो चुके हैंबनारस में पेड़ों का कटान और शारीरिक श्रम के बदले मशीनों पर अत्यधिक निर्भरता लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा रही हैहर चौथे व्यक्ति के हृदय रोग से पीडि़त होने की वजह है बनारस का अत्यधिक वायु प्रदूषणकम दूरी के आवागमन के लिए बाइक, आटो अथवा कार का इस्तेमाल करने की बजाय साइकिल का इस्तेमाल ज्यादा स्वस्थ व सेहतमंद बनाएगा.

यह है लक्षण

-छाती में जलन

-सीने के दबे होने जैसा दर्द

-पूरे शरीर में चक्कर आना

-चिपचिपी त्वचा

-ठंडा पसीना

-थकान

-पसीना आना या सिर घूमना

तो रहेंगे सेहतमंद

-ब्लड प्रेशर 150-190 के बीच होने पर तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर से मिलकर इलाज कराएं.

-बीपी और शुगर के मरीजों को ठंडा फल नहीं खाना चाहिए.

-अनुवांशिक व ब्लड शुगर बढऩे से भी बढ़ती है हृदय रोग संबंधित बीमारी

-पैर में काल धब्बा बन रहा है तो ईको स्प्रिन बदलवाने की जरूरत

-सीने में दर्द होने पर कराएं एंजियोग्राफी

-मोटाई ज्यादा बढ़ रही है तो टीएमटी कराने की जरूरत

-गर्मी से बेचैनी होने पर ईसीजी, ब्लड प्रेशर और शुगर की कराएं जांच

-पैर में सूजन होना हृदय रोग का लक्षण, कराएं