वाराणसी (ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सारे दीवानी वाद (मुकदमे) एक साथ संलग्न करने की मांग पर 21 अप्रैल को सुनवाई करने को राजी हो गया है। ये आदेश चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, पीएस नरसिम्हा और जेबी पार्डीवाला की पीठ ने हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का अनुरोध स्वीकार करते हुए दिये। इससे पहले विष्णु शंकर जैन ने चीफ जस्टिस की पीठ के समक्ष मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वाराणसी के जिला जज ज्ञानवापी विवाद से जुड़े सभी दीवानी मुकदमों को एक साथ संलग्न करने की मांग पर निर्णय पांच बार टाल चुके हैं।
22 को किया आदेश सुरक्षित
जैन ने कहा कि जिला जज ने इस मामले में 22 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह आदेश एक मार्च को सुनाया जाना था लेकिन टल गया। फिर 13 मार्च की तारीख लगी वह भी टल गई। फिर 20 मार्च को आदेश आना था लेकिन नहीं आया और 22 मार्च की तारीख लगी। 22 मार्च को भी आदेश नहीं आया उसके बाद 27 मार्च की तारीख लगी और 27 को भी आदेश नहीं आया। अब अगली तारीख 11 अप्रैल की लगी है।
तो हम देखेंगे केस
विष्णु शंकर की दलीलों पर पीठ ने कहा कि अगर जिला अदालत उस दिन आदेश नहीं सुनाती है तो कोर्ट 21 अप्रैल को इस केस को देखेगा। 21 अप्रैल को पहले से ही यह मामला सुनवाई पर लगा हुआ है.
क्या है मामला
पिछले साल 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवङ्क्षलग और उसके आसपास की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपना आदेश अगले आदेश तक बढ़ा दिया था। इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी का सर्वे कराए जाने और एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है जो कि अभी लंबित है.