वाराणसी (ब्यूरो)। दीपावली में बस दो दिन ही बचे हैं। रोशनी के इस महापर्व को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों पर हैं। ये तो सब जानते हैं कि दीपावली के दिन पटाखों से जलने आदि के काफी मामले आते हैं। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग की ओर से आपात सेवाएं दुरुस्त रखने का दावा किया है। सिर्फ यही नहीं इमरजेंसी व्यवस्था और वार्ड से लेकर बर्न वार्ड और आई व सामान्य ओपीडी में भी व्यवस्था दुरुस्त रखने का फरमान सीएमओ ने जारी किया है। जिला और मंडलीय अस्पताल के बर्न वार्ड में पटाखों से गंभीर रूप से जले और मामूली रूप से जले मरीजों को इमरजेंसी में हरसंभव उपचार दिलाया जाएगा। इतना ही नहीं आन काल विशेषज्ञ चिकित्सक भी उपस्थित होंगे। इसी के साथ आंखों के मरीजों के लिए भी आई स्पेशलिस्ट को अलर्ट रहने को कहा गया है।
हर साल आते हैं जलने के मरीज
दीपावली पर शहर और आसपास के क्षेत्रों में जमकर आतिशबाजी होती है। हर साल सरकारी और निजी अस्पतालों की इमरजेंसी में पटाखों से जले काफी मरीज पहुंचते हैं। सीएमओं के मुताबिक मंडलीय अस्पताल दीपावली पर अस्पताल की इमरजेंसी रात में भी संचालित की जाएगी। ईएमओ, फार्मेसिस्ट समेत अन्य स्टाफों की भी ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। जरूरी दवा के अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त कराई जा रही है.
एंबुलेंस सेवा मिलेगी
सीएमओ डॉ। संदीप चौधरी ने कहा कि सभी जांच एवं पैथोलॉजी के आवश्यक उपकरण क्रियाशील रखे जाएं। साथ ही 108, 102 व एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर को निर्देशित किया कि किसी भी आकस्मिक स्थिति में एंबुलेंस की ससमय उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। सीएमओ ने कहा कि दीवाली और छठ पर्व की अवधि के दौरान वायु प्रदूषण बढऩे की संभावना रहती है। ऐसे में श्वास के रोगियों के लिए उपचार की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
फूड प्वाइजनिंग भी हो सकता है
दीपावली पर लोग मिठाइयां सबसे ज्यादा खाते हैं। इसके साथ ही तले भूने पदार्थ भी खाते हैं जिससे वे फूड प्वाइजनिंग के साथ गैस्ट्रो के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर्स इससे बचने की सलाह भी दे रहे हैं। अगर आपको यह मर्ज हो गया है तो आप पुदीना या पुदीन हरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। फूड पॉइजनिंग के चलते मतली या सिरदर्द की प्रॉब्लम हो रही है, तो अदरक के सेवन से राहत पा सकते हैं। इसके अलावा ठंडे दूध का सेवन करना फायदेमंद होता है। इससे अगर एसिडिटी हो रही है तो उससे राहत मिलती है.
दीपावली और छठ पर्व की अवधि के दौरान वायु प्रदूषण बढऩे की संभावना रहती है। ऐसे में श्वास के रोगियों के लिए उपचार की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ बर्न वार्ड में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इमरजेंसी को अलर्ट रखने के साथ सभी डॉक्टर्स को ऑन कॉल उपलब्ध रहने को कहा गया है.
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ