वाराणसी (ब्यूरो)। जी-20 सम्मेलन में भाग लेने आए मेहमान काशी की आतिथ्य परंपरा से अभिभूत हुए। मेहमानों का बाबतपुर एयरपोर्ट पर तिलक लगाकर माल्यार्पण कर शहनाई वादन से स्वागत किया गया। मेहमानों को अंगवस्त्र भी भेंट किया किया गया। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही प्रतिनिधिमंडल के सामने लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया और बच्चे विभिन्न देशों का झंडा लेकर अतिथियों का स्वागत करते दिखे। एयरपोर्ट से लेकर ताज होटल तक वीआईपी रूट के विभिन्न चौराहों पर लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियां की गई। भारतीय परंपरा के अनुसार मेहमानों का स्वागत और अभिनंदन जगह-जगह किया गया। जी-20 देशों के एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की कृषि मुख्य वैज्ञानिकों (एमएसीएस) की बैठक 17 से 19 अप्रैल तक होनी है.
80 प्रतिनिधि पहुंचे
काशी की धरती पर करीब 34 संगठन व देशों के 80 प्रतिनिधि अलग-अलग समय पर एयरपोर्ट पर पहुंचे। मेहमानों के एयरपोर्ट पर पहुंचते ही अतिथि परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर अतिथियों का अभिनन्दन बुंदेली लोकनृत्य पाई डंडा व भोजपुरी भाषी क्षेत्र के लोकनृत्य फ़ारुहवाही से किया। मेहमानों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ताज होटल रवाना किया गया।
धोबिया लोकनृत्य दिखाया गया
मेहमानों का वीआईपी रूट पर जयपुरिया स्कूल पर करमा लोकनृत्य व अतुलानंद गिलटबाजार पर धोबिया लोकनृत्य दिखाया गया। योगी सरकार ने पूरे वीआईपी रुट को भारतीय और काशी की परम्परा के अनुकूल सजाया है। दीवारों पर देश की अनमोल विरासत की चित्रकारी करवाई है, प्रतिष्ठानों पर विभिन्न देशों के झंडे लगाए गए हैं और रास्तों को अलग-अलग तरीकों से सजाया गया है। योगी सरकार के आतिथ्य से मेहमान अभिभूत दिखे.