वाराणसी (ब्यूरो)रिटर्न में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) डिपार्टमेंट ने अपनी भृकुटी टेढ़ी कर ली हैडिपाटमेंट ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर चौतरफा घेराबंदी कर दी हैऐसे व्यापारियों की संख्या करीब पांच हजार हैइन कारोबारियों को डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया हैनोटिस मिलते ही कारोबारियों में हड़कंप मच गया है.

छह महीने से लगातार रिटर्न की अनदेखी

जीएसटी डिपार्टमेंट पिछले छह महीने से ऐसे कारोबारियों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया था जिन्होंने रिटर्न भरने में कोताही बरती हैइसके अलावा इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईटीसी) गलत तरीके से ले लिया हैजांच में करीब ऐसे कई कारोबारी मिले जिन्होंने कारोबार का आय-व्यय का ब्यौरा भी सही ढंग से नहीं दिखाए हैंजांच में करीब पांच हजार से अधिक ऐसे कारोबारी पाए गए.

नोटिस से मचा हड़कंप

जीएसटी डिपार्टमेंट ने सभी की जांच करने के बाद नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया हैनोटिस मिलते ही कारोबारियों में हड़कंप मच गया हैनोटिस जारी होने के बाद अगर संबंधित व्यापारियों का जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो उनका पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगाइसके बाद जो पेनाल्टी लगेगी उसे भी देना होगा.

गलत तरीके से आईटीसी लेने वालों पर भी नजर

फिलहाल डिपार्टमेंट के अफसरों की मानें तो रिटर्न में कोताही के अलावा गलत तरीके से आईटीसी लेने वालों पर भी विभाग की नजर हैऐसे लोगों को भी बख्शा नहीं जाएगाडिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि सभी कारोबारी जानते हैं कि छह महीने के अंदर रिटर्न फाइल करना हैइसके बाद भी वह कोताही बरतते हैंइससे उनका ही नुकसान होता हैअगर समय से रिटर्न फाइल कर दें तो नोटिस से बचे रहेंगेसाथ ही कारोबार भी उनका सही तरीके से चलता रहेगा.

पहले भी जारी हो चुकी है नोटिस

डिपार्टमेंट ने रिटर्न में कोताही बरतने पर 6 हजार से अधिक कारोबारियों को पहले भी नोटिस भेजा जा चुका हैइसके बाद भी नहीं चेत रहेवर्ष 2017-18 में भी कई ऐसे कारोबारी रहे जिन्होंने गलत तरीके से आईटीसी लिया हैविभाग ने उनको भी नोटिस जारी किया था.

ज्यादा समय से रिटर्न न दाखिल करने वाले व्यापारियों के पंजीयन निरस्त किए जा सकते हैंनोटिस जारी करने के बाद भी जवाब सही नहीं आया तो विभाग एक्शन लेगाइसके अलावा उनको भी नहीं बख्शा जाएगा जिन्होंने गलत तरीके से आईटीसी लिया हैकारोबारियों को बार-बार चेताने के बाद भी रिटर्न के प्रति गंभीर नहीं है.

प्रिंस कुमार, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1, वाणिज्यकर विभाग