वाराणसी (ब्यूरो)आम चुनाव का बिगुल बजा नहीं है, लेकिन राजनीतिक सरगर्मियां शुरू हो गई हैंफुलवरिया फोरलेन, हरहुआ फ्लाईओवर, रिंग रोड, श्री काशी विश्वनाथ धाम, रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर, टीएफसी, कैंसर अस्पताल, स्वर्वेद महामंदिर समेत तमाम विकास कार्यों को लेकर बनारस विकास का मॉडल बन चुका है, लेकिन बीएचयू आईआईटी की छात्रा से गैंगरेप की घटना से महिला सुरक्षा पर सवाल उठ रहा हैट्रैफिक जाम की समस्या से भी लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैंइन सब चीजों के अलावा बनारस के चट्टी-चौराहों पर बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, जातिगणना, महंगाई समेत तमाम ज्वलनशील मुद्दों को लेकर जबर्दस्त बहïस हो रही हैइसी कड़ी में आगामी लोकसभा चुनाव में कौन से मुद्दे ज्यादा असर डालेंगेऑनलाइन वोटिंग, जातिगत गणना के अलावा महिला सुरक्षा के लिए बने कानून पर्याप्त हैं या नहींयूथ के लिए राम मंदिर एक मुद्दा हैबेरोजगारी समेत इन तमाम मुद्दों को लेकर सोमवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने राजनी 'टीÓ कैंपेन के तहïत डीएवी कालेज में परिचर्चा कीइस दौरान युवाओं ने खुलकर अपनी बातें शेयर की.

बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा

राजनी 'टीÓ कैंपेन में युवाओं ने आने वाले लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बतायाचुनाव के दौरान घोषणा-पत्र में तमाम राजनैतिक पार्टियों की ओर से युवाओं को रोजगार देने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता हैहालांकि मौजूदा सरकार की तमाम योजनाएं हैं, जिससे रोजगार के अवसर मिल रहे हैंयंगस्टर्स ने कहा कि बनारस में विकास तो हुआ है, लेकिन बड़ी फैक्टरी या नोएडा, गुडग़ांव की तरह रोजगार के साधन नहीं मुहैया रहे हैंआने वाली सरकार से युवाओं ने कहा कि रोजगार पर फोकस ज्यादा करने की जरूरत है.

महिला सुरक्षा पर फोकस

महिला सुरक्षा को लेकर यंगस्टर्स काफी मुखर दिखेनिर्भया कांड के बाद वूमन सेफ्टी के लिए हेल्पलाइन नंबर, पाक्सो एक्ट समेत तमाम कानून बनाए गए, लेकिन टेक्नोलॉजी के बदलने दौर और खराब पुलिसिंग के चलते यह कानून भी कारगार साबित नहीं हो रहे हैंशहर में जगह-जगह पिंक बूथ बनाए गए हैं, लेकिन वहां महिला पुलिस कर्मी नहीं दिखती हैंस्कूल-कालेज और बाजारों में महिला सुरक्षा को लेकर सिर्फ खानापूर्ति होती हैवूमेन सेल, वन स्टॉप सेंटर, महिला शक्ति मिशन, एंटी रोमियो दस्ता आदि एक्टिव बॉडी है, लेकिन यहां भी महिला अपराध को लेकर सिर्फ खानापूर्ति ही होती है.

दागी कैंडीडेट को वोट नहïीं

यंगस्टर्स ने दागी कैंडीडेट पर खुलकर अपने विचार रखेयंगस्टर्स ने कहïा कि किसी भी कीमत पर हïम लोग दागी कैंडीडेट को वोट नहïीं देंगेचाहïे वहï ïमारी पसंदीदा पार्टी से हïी क्यों न खड़ा हïअधिकतर यंगस्टर्स ने कहा कि व्यक्ति नहीं, पार्टी को देखकर ही वोट करेंगेक्योंकि पार्टी एक संगठन और सरकार भी उन्हीं की बनती हैऐसी स्थिति में युवाओं ने राजनैतिक पार्टियों को भी दागी कैंडीडेट नहïीं उतारने की सलाहï दीयुवा ऐसे लोगों को पसंद नहïीं करते हïैंयूथ को सिर्फ अच्छे व साफ छवि के कैंडीडेट पसंद हïैं.

महंगाई से ज्यादा राम मंदिर मुद्दा होगा

परिचर्चा में यंगस्टर्स ने अपनी बात दमदारी से रखीअभी तक महंगाई और राममंदिर हर चुनाव में मुद्दा होती है, लेकिन इस बार भी यह रहेगाकुछ यंगस्टर्स ने कहा कि एक-दो राजनीतिक पार्टी इसी मुद्दे की वजह से सत्ता में आती हैराममंदिर के आगे महंगाई मुद्दा नहीं बन पाता हैमीडिलक्लास के लिए महंगाई ही मुख्य मुद्दा हैजो पार्टी से कंट्रोल करने की बात करेगी, उसी को वोट देने की बात कही

आगामी आम चुनाव में राम मंदिर मुद्दा होगाअयोध्या में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के बावजूद वर्तमान राजनीति इसी के इर्द-गिर्द रहेगीभविष्य में इसकी क्या प्रासंगिकता होगी, यह नहीं पतालेकिन चुनाव इसी मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा.

- डागौरव पाठक

वूमेन सेफ्टी के लिए जो भी कानून है, वह पर्याप्त नहीं हैइसमें और सुधार और सख्ती की जरूरत हैसरकार ने अभी तक जो भी स्टेप लिया है, वह ठीक है, लेकिन महिला सुरक्षा के आयाम बदल रहे हैंसाइबर अपराध चरम पर हैऐसे में सरकार के सामने महिला सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है.

-डाप्रियंका सिंह

बेरोजागारी बड़ा मुद्दा हैजो आने वाले दस साल तक रहेगाइस तरह से देश की जनसंख्या बढ़ रही है, उस रफ्तार में नौकरी नहीं मिल रही हैजब भी कोई वैकेंसी निकल रही और एग्जाम हो रहा है तो पेपर लीक हो जा रहा हैएग्जाम को लेकर सरकार को सख्त नियम बनाने होंगे.

-अनुप कुमार

आम चुनाव में मेरे हिसाब से हेल्थ बड़ा मुद्दा होगाइसे लेकर सरकार काम कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर और सुधार करने की जरूरत हैसरकारी अस्पतालों में अक्सर लापरवाही की बात सामने आती है.

-आनंद तिवारी

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढऩी चाहिएज्यादा से ज्यादा संख्या होने के कारण यह खुद मजबूत होगीअपनी सेफ्टी को लेकर संसद में महिलाएं खुद मजबूत और सख्त कानून बनाने में सक्षम होंगी.

- दिव्या कुमारी

बनारस में विकास हुआ, लेकिन वह पर्याप्त नहीं हैकुछ खास इलाकों पर ज्यादा फोकस किया गया हैकुछ इलाकों को छोड़ दिया गया हैशहर में ट्रैफिक सबसे बड़ी समस्या हैइससे आमजन के साथ पर्यटकों को परेशानी होती है.

-नूर मोहम्मद