वाराणसी (ब्यूरो)। मकर संक्रांति का पर्व अभी आया नहीं कि मार्केट में मौत का सामान चाइनीज मांझा बिकने लगा है। इस मांझे से किसी का हाथ कटता है तो किसी का गला। इसके बाद भी इस जानलेवा मांझे पर आज तक रोक नहीं लग पाया। न जाने क्या वजह है कि लोकल थाना और पुलिस चौकी होने के बाद भी चाइनीज मांझे की दुकान सज ही जाती है। औरंगाबाद और दालमंडी चाइनीज मांझे का सबसे बड़ा हब है, यह सभी जानते हैं। लेकिन, इस पर रोक लगाने में हर कोई असमर्थ है। इसका बिजनेस सीजन में 10 करोड़ से अधिक तक का पहुंच गया है.
कहने को लगी है रोक
कहने को तो चाइनीज मांझे पर रोक लगी हुई है, लेकिन लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जब यह मांझा जानलेवा साबित हो रहा है। अब तक कई जानें भी जा चुकीं हैं, जबकि राह चलते कितने ही लोगों के साथ दुर्घटना हो रही है। इसके बाद भी इसके कारोबार पर कोई अंकुश नहीं लग पाया। बार-बार हादसों से यह स्पष्ट होता है कि इसकी बिक्री धड़ल्ले से जारी है और लोगों की जान पर बन आ रही है.
सज गया जान लेने का सामान
मकर संक्रांति के पर्व को अभी एक हफ्ता से अधिक का समय है लेकिन मार्केट में अभी से चाइनीज मांझा का कारोबार खुलेआम चलने लगा है। हर दुकान पर चाइनीज मांझे ही मांझे नजर आ रहे हैैं। बड़ी बात यह है कि पतंगबाजी करने वाले चाइनीज मांझे की ही खरीदारी कर रहे हैं। मजबूत होने के कारण इसी मांझे से वह पतंगबाजी करना अच्छा समझते हैं। यह नहीं सोचते हैं कि इस मांझे ने कितने लोगों की जान ले ली है.
दालमंडी और औरंगाबाद हब
चाइनीज मांझे का सबसे बड़ा कारोबार दालमंडी और औरंगाबाद में होता है। मकर संक्रांति के एक महीना पहले से ही पतंग की खरीदारी शुरू हो जाती है। लोग पतंगबाजी करने के लिए दालमंडी और औरंगाबाद से ही चाइनीज मंझा और पतंग की खरीदारी करते हैं। इस व्यवसाय से जुडे् लोगों ने बताया कि कुछ लोग हैं जो चाइनीज मांझे का कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी दुकानदार हैं जो सिर्फ पतंग बेचते हैं.
हर बार बढ़ते हैं मामले
सरकार की तरफ से भी कई बार चाइनीज मांझे की रोकथाम के लिए शासन स्तर से निर्देश दिए गए। स्थानीय प्रशासन ने भी अभियान चलाए, लेकिन मांझे के शिकार होने वाले मामले बढ़ते ही गए। आलम यह है कि दुर्घटनाओं में कोई कमी नही आई.
बोली छात्राएं- न खरीदें चाइनीज मांझा
प्रतिबंधित चाइनीज मांझा की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर मछोदरी स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर के मंहत संत स्वामी प्रेम स्वरूप दास के आह्वïान पर सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के तत्वावधान में लोगों को जागरूक किया गया। श्री हरिश्चंद्र बालिका इंटर कालेज में छात्रों के बीच जाकर पदाधिकारियों ने चाइनीज मांझा न खरीदने के लिए अवेयर किया। छात्राओं के बीच हाथों में बैनर व पतंग लेकर अपने-अपने भाइयों और आसपास के पड़ोसियों को प्रतिबंधित चाइनीज मांझा से पतंग न उड़ाने की अपील की। संत स्वामी प्रेम स्वरूप दास ने कहा कि चाइनीज मांझा से सभी को दूरी बनानी चाहिए ताकि किसी की जान न जा सके। इस अवसर पर अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, प्रधानाचार्य डॉ। प्रियंका तिवारी, नंदू टोपी, श्याम दास गुजराती, ललित गुजराती, बीडी टकसाली शामिल थे।
चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। चाइनीज मांझे से कई लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हो चुके हैं। ऐसे में लोग भी इस मांझे की खरीदारी नहीं करें। बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और माल भी जब्त होगा.
एस राजलिंगम, जिलाधिकारी
चाइनीज मांझा सबसे खतरनाक है। हर बार दर्जनों लोगों की जान जाती है। इसके बाद भी इसके कारोबार पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है.
सुष्मिता सेठ, संयोजक, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
चाइनीज मांझा के लिए हर बार कार्रवाई की बात की जाती है, लेकिन कुछ भी नहीं किया जाता। नतीजा यह होता है कि किसी का गला कटता है तो किसी का हाथ.
प्रेम मिश्रा, अध्यक्ष, महानगर उद्योग व्यापार समिति
चाइनीज मांझे की जहां-जहां कारोबार होता है वहां पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे आम लोग घायल होने से बच सके.
राकेश जैन, अध्यक्ष, काशी व्यापार प्रतिनिधिमंडल