वाराणसी (ब्यूरो)। गाजीपुर आरपीएफ के दो जवानों की हत्या के मामले में हत्थे चढ़े आरोपितों में शामिल पंकज ने एसटीएफ नोएडा को बताया कि वह रेलवे में गैंगमैन का वीलेंद्र पासी से शराब लेता था और दानापुर व पटना में जाकर बेचता था। पंकज ने बताया कि उसने बेंगलुरु से पालीटेक्निक में डिप्लोमा कर रखा हैं। गांव आने पर वह वीलेंद्र के संपर्क में आया। वीलेंद्र के माध्यम से ही वह प्रेमचंद, विनय व कई अन्य शराब तस्करों के संपर्क में आया। ये सभी रेलवे की उन ट्रेनों से तस्करी करते थे, जिनमें एस्कार्ट नहीं होता है। मुगलसराय के आसपास से शराब खरीदकर ट्रेनों के माध्यम से बिहार के विभिन्न इलाकों में ले जाकर ऊंचे दाम पर बेचते थे। इनके पास से एक सरकारी पिस्टल, सात कारतूस, मृतक आरपीएफ जवान जावेद का पर्स, बिहार नंबर का एक स्विफ्ट डिजायर कार बरामद हुई है। आरोपितों से पूछताछ के क्रम में घटना में शामिल अन्य नौ अपराधियों के बारे में जानकारी हुई।
पहले भी जेल जा चुका है प्रेमचंद
दोनों जवानों की हत्या में शामिल व आठवीं पास प्रेमचंद इससे पहले भी हत्या और शराब तस्करी के मामले में जेल जा चुका है। उसने दानापुर से इलेक्ट्रिक में आइटीआइ किया है। लगभग चार साल से शराब की तस्करी कर रहा है। विनय कुमार ने बताया कि वह जानीपुर में बच्चों के कपड़े बेचने का काम करता है। फूलवारी शरीफ के कुछ लड़के शराब की तस्करी करते हैं। इनके संपर्क में आकर वह भी तस्करी करने लगा।
वर्ष 2014 में गैंगमैन के रूप भर्ती हुआ था वीलेंद्र पासी
वीलेंद्र वर्ष 2014 में रेलवे में ट्रैकमैन के पद पर भर्ती हुआ था। वर्ष 2014 से 2019 तक दनकोर रेलवे स्टेशन पर तैनात था। वर्ष 2019 में उसका नारायणपुर रेलवे स्टेशन स्थानांतरण हो गया। उसने बताया कि वहां मुगलसराय से शराब खरीद कर बिहार में ऊंचे दाम पर बेचने का काम शुरू कर दिया। इस दौरान बिहार के कई शराब तस्करों के गैंग के संपर्क में आ गया और उनके साथ मिलकर शराब तस्करी करने लगा। पूछताछ में पता चला कि ट्रेन से बिहार के लिए शराब की तस्करी की जाती थी।