वाराणसी (ब्यूरो)। मोक्षदायिनी गंगा के इर्द-गिर्द न चेतावनी बोर्ड और न ही निगरानी। इस कारण गंगा में लगातार लोग मौत की डुबकी लगा रहे हैं। दशाश्वमेध एरियाके अहिल्याबाई घाट पर बुधवार को गंगा में नहाते समय चार युवक डूबने लगे। आसपास मौजूद लोगों के शोर मचाने पर मल्लाहों और जलपुलिस ने दो युवकों को बचा लिया। वहीं दो युवक गहरे पानी में समा गए। तेज बहाव में घंटों परिश्रम के बाद गोताखोरों ने डूबे दोनों सगे भाइयों के शव को गंगा से निकाल लिया। चारों दोस्त परिवार समेत दिल्ली से बनारस घूमने आए थे। गंगा का जलस्तर बढऩे से तुलसी घाट, असि घाट, दशाश्वमेध, भैसासुर घाट में भी खतरा बना हुआ है।
गंगा के जलस्तर में दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है। इसके चलते जानकी व भदैनी समेत कई घाट डूब गए हैं। पानी बढऩे से कई घाटों का संपर्क आपस में टूट गया। घाट किनारे स्थित कई मंदिर भी पानी में समा गए हैं व कुछ में पानी प्रवेश कर गया है। ऐसी स्थिति में गंगा में स्नान करना जान जोखिम में डालना है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में अस्सी से लेकर राजघाट तक लोग गोते लगाते मिले। अस्सी, तुलसी व ललिता घाट पर चेतावनी बोर्ड लगा है। बावजूद इसके बड़े और युवक ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे बच्चे भी जमकर गोते लगा रहे थे। उन पर किसी तरह की निगरानी नहीं थी.् रीवा घाट पर लगा चेतावनी बोर्ड गंगा की ओर है। इसलिए इस पर किसी की नजर नहीं जाती .सिंधिया घाट पर चेतावनी बोर्ड होने के बावजूद लोग तेज धार में नहाते मिले।
दिल्ली के साथ आए थे
दिल्ली के तुगलकाबाद के रहने वाले प्रेमानंद ठाकुर अपने दो बेटों प्रसून ठाकुर (21), प्रभात ठाकुर (18) और बेटों के दो दोस्त उज्ज्वल कुमार व धु्रव के साथ श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए आए थे। बुधवार को सभी लोग गंगा स्नान के लिए अहिल्याबाई घाट पर पहुंचे। पानी के तेज बहाव में संतुलन बिगडऩे पर प्रभात ठाकुर डूबने लगा। यह देख उसके भाई प्रसून ने उसे बचाने की कोशिश की तो वह भाई के साथ गहरे पानी में समा गया। यह देख उसके दोस्त उज्ज्वल कुमार व ध्रूव भी उन्हें बचाने के लिए गहरे पानी में उतर गए। दोनों पानी के तेज बहाव में डूबने लगे तो प्रेमानंद और परिवार के लोगों ने शोर मचाया। घाट पर मौजूद मल्लाहों ने उज्ज्वल और ध्रूव को बचा लिया। जबकि प्रसून और प्रभात डूब गए। मल्लाहों व जल पुलिस ने दोनों के शव को निकाला।
इधर, निगम ने संभाला मोर्चा
सावन को देखते हुए नगर निगम ने तैयारियां तेज कर दी हैं। बुधवार को कांवरियों की सेफ्टी के लिए न सिर्फ घाट को जाने वाले मार्गों की मरम्मत कराई गई। बल्कि स्ट्रीट लाइट से लेकर घाटों पर चेतावनी बोर्ड भी लगवाए गए। प्रमुख घाटों पर नगर निगम ने रस्सी भी लगवाई।
18 घाट पर बांधी रस्सी
नगर निगम ने 18 घाटों पर रस्सी की व्यवस्था की है। इस रस्सी को घाट की सीढिय़ों में लगे पाइप से बांध दिया गया है। इस रस्सी के सहारे कोई भी स्नान कर सकता है। इसके अलावा चेतावनी बोर्ड पर लगाया गया है कि रस्सी को पकड़कर स्नान करें। इनमें भैंसासुर, प्रहलादघाट, रानी घाट, गायघाट, शक्काघाट, बूंदीपरकोटा, पंचगंगा घाट, अहिल्याबाई घाट, त्रिलोचन घाट, दशाश्वमेध, राजेन्द्र प्रसाद घाट शामिल हैं।
चेजिंग रूम की व्यवस्था
सावन माह में आने वाले कांवरियों के लिए नगर निगम ने 12 से अधिक घाटों पर अस्थायी चेजिंग रूम की व्यवस्था की है। इनमें भैंसासुर घाट, प्रहलादघाट, रानीघाट, बूंदीपरकोटा घाट, अस्सी से सटे सभी घाट, हरिश्चन्द्र घाट, शक्काघाट, गायघाट पर भी पर्दे से अस्थायी चेजिंग रूम की व्यवस्था की है।
नगर निगम का दावा
18 घाट पर रस्सी की व्यवस्था की
12 घाटों पर चेजिंग रूम की व्यवस्था
14 शिविर कांवरियों के लिए
50 घाटों पर चेतावनी बोर्ड की सुविधा
84 घाटों पर डस्टबिन और सफाई की व्यवस्था
14 कैंप में पानी टैंकर की व्यवस्था
12 से अधिक अधिकारी तैनात
कांवरियों की सुविधा के लिए शिविर बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। घाट किनारे हादसों को रोकने के लिए रस्सी बांध दी गयी है। इसके अलावा चेतावनी बोर्ड लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त
इन बिंदुओं की अनदेखी
-गंगा घाट पर स्नान या पानी में उतरने वालों के लिए चेतावनी के उचित उपाय नहीं।
-जिन घाट की दीवारों पर चेतावनी बोर्ड हैं, वह दूर होने के कारण नजर नहीं आते।
-पानी में उतरने व गहराई तक जाने वालों को रोकने की व्यवस्था नहीं।
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स्नान के दौरान बरतें सावधानी
-पानी में उतरने से पहले गहराई की जानकारी ले लें।
-अकेले हों तो अच्छा यही कि स्नान करने के लिए पानी में न उतरें।
-सुनसान घाट पर स्नान से बचें।
-घाट के पास जलस्तर और नोटिस बोर्ड पर नजर रखें।
-स्मार्टफोन में वाटरलेवल की अपडेट प्राप्त कर लें।
-आपात स्थिति में घाटों के किनारे के नाविकों, लोगों और जल पुलिस को सूचित करें।
फैक्ट एंड फीगर
22 लोगों की जनवरी से जून तक डूबने से हुई मौत
38 लोगों की 2023 में डूबने से मौत हुई।
53 लोगों की 2022 में डूबने से मौत हुई।