वाराणसी (ब्यूरो)। गाजीपुर विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट श1ित सिंह की अदालत ने जेल में बंदी को मारने-पीटने और गवाह को धमकाने के मामले में कुख्यात अपराधी व मुख्तार अंसारी के शूटर रहे अंगद राय व गोरा राय को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अदालत के फैसले के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
अभियोजन के अनुसार वर्ष 2005 में हुई भांवरकोल के पूर्व प्रमुख राजेंद्र राय की हत्या के आरोप में गोरा और अंगद राय जिला जेल में बंद थे। 22 अप्रैल, 2009 में उसी जेल में निरुद्ध एक अन्य बंदी जितेंद्र राम को दोनों ने उनकी बैरक की साफ-सफाई न करने पर मारा-पीटा। शहर कोतवाली में दोनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने दोनों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। विचारण के दौरान दोनों ने गवाह प्रमोद गिरी उर्फ पप्पू गिरी को गवाही न देने के लिए जान से मारने की धमकी दी। प्रमोद गिरी ने भी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे में कुल सात गवाहों की गवाही होने के बाद बीते सात जून को गोरा राय व अंगद राय पर आरोप सिद्ध हो गए। सोमवार को कोर्ट ने दोनों को सजा सुनाई.
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यह अपेक्षित नहीं कि कानून तोडऩे के लिए जेल गया बंदी जेल में भी कानून तोड़े: कोर्ट
गोरा राय और अंगद राय को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि घटना जिला कारागार में हुई। जेल का मुख्य उद्देश्य सुधारात्मक होता है। किसी भी व्य1ित को कारागार भेजे जाने के पीछे न्याय की मुख्य मंशा यह होती है कि अभियु1त स्वयं के आचरण में सुधार लाए। भविष्य में जब वह जेल से रिहा हो तब समाज की मुख्य धारा में पुनर्स्थापित हो सके, लेकिन इस प्रकरण में दोष सिद्ध अभियु1तगण ने जेल में निरुद्ध रहने के दौरान घटना की हैं, जो प्रकरण की गंभीरता को बढ़ा देता है। किसी अभियु1त से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि जिस कानून को तोडऩे के लिए उसे जेल भेजा गया है, वह जेल में रहते हुए पुन: कानून तोड़े.
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राजेंद्र राय हत्याकांड में भी हो चुकी है सजा
भांवरकोल के बछल्लपुरा निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेंद्र राय की 27 जून, 2005 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें भांवरकोल के शेरपुर खुर्द गांव निवासी अंगद राय तथा तमलपुरा मुहम्मदाबाद निवासी गोरा राय का नाम प्रकाश में आया था। पुलिस की घेरेबंदी के बाद दोनों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। मामले में दोनों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। बाद में दोनों हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए.
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गोरा, अंगद पर विभिन्न थानों में दर्ज हैं 26 मुकदमे
मुख्तार के शूटर रहे गोरा व अंगद राय पर विभिन्न थानों में कुल 26 मुकदमे दर्ज हैं। इन पर चार गैंगस्टर और दो गुंडा एक्ट के भी मामले हैं। इतना ही नहीं 23 सितंबर, 2004 को सेमरा निवासी कल्लू राय और इनके ट्रैक्टर चालक भोला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी गोरा राय व अंगद राय का नाम सामने आया था.