वाराणसी (ब्यूरो)। गाजीपुर पुलिस ने नंदगंज के खिलवा गांव में रविवार रात हुए तिहरे हत्याकांड का 24 घंटे में पर्दाफाश कर दिया। प्रेमिका से शादी में बाधा बनने से नाराज 16 वर्षीय बेटे ने ही पिता मुंशी बिंद, मां देवंती देवी और बड़े भाई राम आशीष की खुरपा से गला काटकर हत्या की थी। किशोर की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयु1त खुरपा और खून से सने उसके कपड़े बरामद कर लिए हैं। आवश्यक कार्रवाई के बाद उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
मुंशी बिंद के बड़े भाई रामप्रकाश बिंद ने गांव के ही राधे बिंद व अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। एसपी ओमवीर सिंह ने मंगलवार को बताया कि किशोर पर पहले ही शक था, क्योंकि वह बार-बार बयान बदल रहा था। सोमवार को तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार होने के बाद पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि गांव की एक किशोरी से दो वर्षों से प्रेम करता था। उससे शादी करना चाहता था। लड़की के घर वाले तैयार थे लेकिन उसके मां-बाप और भाई नहीं मान रहे थे। कुछ दिन पहले उन्होंने उसे पीटा भी था और उसका मोबाइल तोड़ दिया था। इसके बाद किशोर ने सबको मार डालने का मन बना लिया था। खेती के काम के लिए घर रखे खुरपे की धार भी तेज कराई थी। दो दिन पहले भी उसने तीनों की हत्या की कोशिश की थी, लेकिन कर नहीं सका। रविवार रात गांव में एक तिलकोत्सव में आर्केस्ट्रा भी था। मुंशी दोनों बेटों के साथ वहां गए थे। तीनों रात करीब 11 बजे घर आ गए और सोने चले गए। किशोर फिर कार्यक्रम में चला गया। रात 12 बजे लौटा, घर में रखी शराब पी और नशे में वारदात को अंजाम दिया।
पहले मां, फिर पिता और अंत में भाई का काटा गला
गाजीपुर : प्रेम में अंधे किशोर के दिमाग में पिता, मां व बड़े भाई की हत्या करने का प्लान कई दिनों से चल रहा था। पुलिस को उसने बताया कि प्लान के तहत ही पहले मां, फिर पिता और अंत में बड़े भाई का गला काटा।
पूछताछ में बताया कि चारपाई पर सो रही मां के गर्दन पर खुरपा से प्रहार किया। एक ही प्रहार में उनकी मौत हो गई। वह कुछ बोल भी नहीं पाईं। इसके बाद पिता के गले पर वार किया, वह भी कुछ बोल नहीं पाए, लेकिन उनके मुंह से आह की आवाज आई। उठना चाहे लेकिन तब तक दूसरा वार किया, जिससे वह चारपाई से नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। सबसे अंत में अंदर सो रहे बड़े भाई के गले पर वार किया। प्रहार के बाद वह उठकर भागना चाहा, लेकिन दरवाजे पर गिर गया और वहीं उसके गले पर कई वार कर उसे मौत की नींद सुला दिया। बताया कि तीनों में से कोई यह भी नहीं जान पाया कि उन्हें कौन मार रहा है।
पूरे परिवार के साथ गया था आर्केस्ट्रा देखने
रविवार को गांव में एक तिलक समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। रात में वह अपने माता-पिता और बड़े भाई के साथ कार्यक्रम में गया था। रात करीब दस बजे सभी वापस आ गए। इसके बाद किशोर सभी के सोने का इंतजार करता रहा। सो जाने पर शराब पी और फिर संदूक से खुरपा निकालकर ताबड़तोड़ प्रहार कर सभी को मौत की नींद सुला दिया।
तीन इंच के खुरपे को दो दिन पूर्व दिलाया था धार
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि किशोर के सिर पर खून सवार हो गया गया था। पिछले तीन दिन से वह हत्या की प्लानिंग कर रहा था। घटना के दो दिन पूर्व घर से खुरपा लेकर बाजार गया और उसमें धार दिलाया था। इसके बाद घर आकर उसे एक संदूक में रख दिया था। खुरपा करीब तीन इंच का है। तेज धार के कारण ही सभी की तत्काल मौत हो गई।
रात में दो बार बदला कपड़ा
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि स्वाट, सर्विलांस और स्थानीय पुलिस मामले के तह में जाकर गंभीरता से जांच कर रही थी। फोरेंसिक टीम ने जो साक्ष्य एकत्र किए सभी किशोर की ओर ही इंगित कर रहे थे। बताया कि जब वह परिवार के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम में गया था, तो कपड़ा दूसरा था और हत्या के बाद दूसरा। कार्यक्रम का वीडियो सामने आने पर वह रात में दो अलग-अलग कपड़े में नजर आया। पूछताछ में भी उसने बताया कि हत्या करने के बाद उसने कपड़े बदल लिया और फिर दोबारा कार्यक्रम में गया था।
20 मीटर दूर से ही चीखने लगा था किशोर
देर रात हत्या करने के बाद किशोर दोबारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में गया। करीब 15 मिनट बाद वहां से कुछ लोगों के साथ घर आया। घर से करीब 20 मीटर दूर ही वह तेज-तेज से चीखने-चिल्लाने लगा। जबकि उस समय अंधेरा था। ऐसा लगा जैसे उसे पहले से घटना के बारे में मालूम हो।
नामजद आरोपित राधे व उसके स्वजन को पुलिस ने गाड़ी से छोड़ा घर
मृतक मुंशी बिंद के बड़े भाई रामप्रकाश बिंद ने गांव के ही राधे बिंद और अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया था। पुलिस राधे बिंद व उनके अन्य स्वजन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। जब हत्यारोपित पकड़ में आ गया तो मंगलवार को राधे बिंद व उसके स्वजन को पुलिस अपनी गाड़ी से घर तक छोड़कर आई।
बीएनएस 103 (1) के तहत दर्ज किया मुकदमा
हत्यारोपित किशोर के खिलाफ नंदगंज थाने में पुलिस ने धारा 103 (1) भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है। इसमें मृत्युदंड या आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड का प्रविधान है। किशोर की उम्र 16 वर्ष है। इसलिए अभी उसे किशोर सुधार गृह भेजा गया है।
गम, गुस्सा.अब अफसोस
गाजीपुर: नंदगंज के कुसम्ही कला के खिलवा गांव निवासी ट्रिपल मर्डर को लेकर गम, गुस्सा और अब अफसोस है। पिता मुंशी बिंद, मां देवंती व बड़े भाई राम आशीष की नृशंस तरीके से की गई हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। एक परिवार में जब तीन अर्थियां निकलीं तो हर किसी की आंखों से बरबस ही आंसू छलक पड़े। घटना के बाद तो लोगों में इस कदर गम व गुस्सा था कि लोग हत्यारे को पकडऩे के लिए जाम तक लगा दिया, लेकिन जैसे ही लोगों को पता चला कि कातिल तो उनका ही छोटा बेटा है तो लोग उसे कोसने लगे। हर किसी को इस बात का अफसोस है कि बेटे ने ही परिवार का सफाया कर दिया।
आधे घंटे तक अपनों के साथ खेला खूनी खेल, पांच मिनट में टूट गया हत्यारोपित
गाजीपुर: खुद के हाथों अपनी दुनिया उजाडऩे वाला नाबालिग प्रेम और परिवार दोनों से हाथ धो बैठा। अब उसको सलाखों के पीछे जिंदगी भर पछताने के सिवा कुछ नहीं बचा है। जिस मां ने ममता के आंचल की छांव में पाला, जिस पिता ने अंगुली पकड़कर चलना सिखाया, जिस बड़े भाई ने मुसीबत में दीवार बनकर बचाया, उन्हीं के भरोसे का एक नादान ने इश्क में अंधा होकर कत्ल कर दिया। आधे घंटे तक उन्हीं के साथ खूनी खेल खेला, जिनका खून उसकी रगों में बह रहा है।
खिलवा गांव का नाबालिग इश्क में इस कदर अंधा होकर खौफनाक कदम उठा लेगा, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। मां, पिता और भाई को मौत की नींद सुलाकर मन ही मन बच जाने की खुशी पाले हत्यारे बेटे को क्या पता था कि कानून के हाथों वह बच नहीं सकता? पुलिस के शिकंजे में आया तो पांच मिनट में ही टूट गया। रोते व1त पूरी बर्बरता की कहानी पुलिस के सामने बयां कर दी। बातें बताते व1त निर्दयी के होंठ तो नहीं कांपे, मगर सुनकर पुलिस की रूह जरूर कांप गई। अब तक प्रेमिका और उसके घरवालों को कोसने वाले ग्रामीण नादान हत्यारे की करतूत सामने आने के बाद हैरान हैं। गांव-गांव, घर-बाजार केवल नाबालिग हत्यारे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
तीन चिताओं को दी आग, हाथ भी नहीं कांपे हत्यारोपित के
चोचकपुर गंगा घाट पर मां, पिता व भाई को मुखाग्नि देते व1त भी हत्यारोपित बेटे के आंखों में आंसू नहीं दिखा। तीन चिताओं को आग देते व1त भी वह तनिक नहीं घबराया और ना ही उसके हाथ कांपे। इतनी कम उम्र में तीन चिताओं को आग देते देख ग्रामीण तो रो पड़े मगर उसके चेहरे पर तनिक भी सिकन नहीं था।
खुरपा से ऐसा जघन्य वारदात, हर कोई सोचने को विवश
: दंपती और उनके पुत्र के शव को जिसने भी देखा वह यही अंदाजा लगा रहा था कि ऐसा जघन्य वारदात को करने में हत्यारोपित ने किसी बड़े व धारदार हथियार को प्रयोग किया होगा, क्योंकि तीनों के गले को बेरहमी से काटा गया था। मौके को देखने से यह भी लग रहा था कि इस ऐसी घटना को कोई अकेले अंजाम नहीं दे सकता है। पुलिस राजफाश में जब लोगों को पता चला कि एक किशोर ने अकेले वह भी खुर्पा से इस घटना को अंजाम दिया है तो वह सोचने को विवश हो गए।