वाराणसी (ब्यूरो)। बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन को आने वाले भक्तों के लिए जरूरी सूचना है। सावन में ललिताघाट पर बाढ़ का पानी आने के बाद भी गंगद्वार यानि ललिताघाट से भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। यहां पर कोई भी भक्त न जा सके। इसके लिए 10 सेवादारों के अलावा एक दर्जन से अधिक एनडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी। टीम आने-जाने वाले भक्तों पर नजर रखेगी। साथ ही कोई ललिताघाट की ओर आएगा तो उसे रोकेंगे। एक द्वार बंद होने के बाद भी भक्तों के दर्शन-पूजन में कोई दिक्कत नहीं होगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने चार द्वार के अलावा एक और द्वार से भक्तों का प्रवेश शुरू कर दिया है। इसके अलावा काशीवासियों के लिए नंदू फरिया द्वार से प्रवेश का ट्रायल चल है।
नहीं होगी भक्तों को दिक्कत
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने बताया, बाढ़ का पानी बढऩे पर ललिताघाट का गेट बंद कर दिया जाएगा। घाट की ओर कोई न जा सके। इसके लिए सेवादारों की टीम को तैनात किया जाएगा। एनडीआरएफ की टीम भी हर आने-जाने वालों पर नजर रखेगी। सावन माह में आने वाले कांवरियों को दर्शन-पूजन में कोई दिक्कत नहीं होगी। सभी पांचों से से प्रवेश व निकास की व्यवस्था रहेगी।
मणिकर्णिका घाट व पिनाक भवन
पहले जहां चार गेट से प्रवेश और निकासी की व्यवस्था थी। वहीं, इस बार दो द्वार अलग से बनाए गए हैं। ये मणिकर्णिका घाट और पिनाक भवन में हैं। निकासी की व्यवस्था गेट नंबर चार से की गयी है। इससे मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ नहीं लगेगी और बाबा का दर्शन-पूजन करने में भक्तों को सहूलियत होगी।
कांवडिय़ों की सहूलियत के लिए तैयारी
सावन माह का पहला सोमवार 22 जुलाई को है। इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं और कांवडिय़ों की सहूलियत के लिए तैयारी अंतिम चरण में चल रहा है। दरअसल, सावन माह में बाबा को जलाभिषेक करने के लिए लाखों भक्त आते हैं। इसलिए भीड़ को कंट्रोल करने के लिए तीन श्रेणियों रेड, येलो और ग्रीन जोन में धाम को विभाग किया गया है।
पिछले साल 1.63 करोड़ भक्त
इस बार भी बाबा के दरबार में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस बार सावन की भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभूशरण की मानें तो पिछले साल सावन दो महीने का होने के कारण 1.63 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करके नया रिकॉर्ड बनाया था।
प्रवेश द्वार से ही निकासी
पिछले साल सावन में श्रद्धालु जिस द्वार से प्रवेश कर रहे थे, उसी द्वार से उनका निकासी भी था। गंगा द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पूर्वी द्वार से, मैदागिन की ओर से आने वाले दर्शनार्थी उत्तरी द्वार, सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले दर्शनार्थी दक्षिणी द्वार और ढुंढीराज गली की ओर से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से प्रवेश कर बाबा का दर्शन-पूजन किए थे।
सावन माह में श्रद्धालुओं की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए दो द्वार बनाया गया है। पहला मणिकर्णिका घाट और दूसरा पिनाक भवन में बनाया जाएगा।
विश्वभूषण मिश्रा, सीईओ, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर