वाराणसी (ब्यूरो)। गंगा में उफान थम गया है। बुधवार को भी घटाव का सिलसिला जारी रहा। तीन सेंटी मीटर की प्रति घंटे की रफ्तार से पानी घटने लगा है। गंगा जलस्तर सुबह आठ से रात आठ बजे तक 30 सेंटीमीटर कम हुआ। बावजूद इसके बाढ़ का खतरा अभी बना हुआ है। वाराणसी में रात 10 बजे तक गंगा का जलस्तर घटकर 67.59 मीटर पर आ गया है, जो चेतावनी बिंदु से तीन मीटर और खतरे के निशान से सिर्फ चार मीटर दूर है। बाढ़ को देखते हुए फिलहाल नाव के संचालन पर रोक जारी है। डूब क्षेत्र के साथ वरुणा के तटवर्ती इलाकों में बढ़ का खतरा टलने से लोगों की मुश्किलें थोड़ी कम हो गई हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर पानी कम होने से परेशानियां भी दूर होने लगी हैं। हालांकि अभी भी बाढ़ के चलते सभी 84 घाटों का आपस में संपर्क टूटा है।
तेजी से बढ़ रहा था पानी
बनारस समेत पूरा पूर्वांचल अभी सामान्य बारिश के लिए तरस रहा है। बावजूद इसके गंगा के जलस्तर में बढ़ाव ने उफान का रूप ले लिया है। यमुना का जलस्तर बढऩे की वजह से सोमवार तक पानी तेजी से बढ़ रहा था, लेकिन मंगलवार के बाद बुधवार से तेजी से घटाव शुरू हो गया। इसके चलते गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगातार दूर भाग रहा है। गंगा का जलस्तर बढऩे से फिर सभी घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है। दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला माता मंदिर से पानी घाट की ओर वापस जा रहा है। यही स्थिति नमो घाट की भी है। चबूतरे के नीचे गंगा का पानी आ गया है।
गंगा का जलस्तर 67.59 मीटर पहुंचा
वाराणसी में गंगा का 67.59 जलस्तर मीटर पहुंच गया है। यह चेतावनी बिंदु से तीन मीटर और खतरे के बिंदु से चार मीटर दूर है। पिछले 4 दिन में गंगा का पानी 3 मीटर तक ऊपर चढ़ चुका है, लेकिन मंगलवार के बाद बुधवार को भी तेजी से घटाव भी शुरू हो गया है। मणिकर्णिका घाट पर हर रोज गंगा 2 फीट तक ऊपर चढ़ रहीं थी। सभी 88 घाटों का कनेक्शन टूट चुका है। घाटों पर स्नान-ध्यान की भी जगह नहीं बची है.