वाराणसी (ब्यूरो)। जल्द ही अस्सी और नगवा नाले के सीवर का पानी गंगा नदी में नहीं गिरेगा। भगवानपुर एसटीपी का कार्य इसी फरवरी के अंत में शुरू होने वाला है। एसटीपी बनने के बाद नाले का 28 एमएलडी पानी प्रतिदिन जो गंगा में गिर रहा है वह बंद हो जाएगा। गंगा पहले से और निर्मल व स्वच्छ हो जाएगी। इससे गंगा में पॉल्यूशन भी कम हो जाएगा.
55 एमएलडी का एसटीपी
भगवानपुर में एसटीपी बनाने के लिए पिछले दो साल से कवायद चल रही थी। इस पर इस महीने विराम लग जाएगा। 55 एमएलडी के एसटीपी पर काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद एसटीपी बनने से नगवा और अस्सी नाला के एक किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को बदबू से छुटकारा मिल जाएगा.
308 करोड़ से एसटीपी का निर्माण
एसटीपी के अभियंता आशीष कुमार ने बताया कि भगवानपुर में 308 करोड़ के बजट से एसटीपी का निर्माण इसी महीने के अंत से शुरू होगा। गंगा निर्मलीकरण के लिए काम चल रहा है। करसड़ा और दीनापुर में एसटीपी बन चुका है, लेकिन भगवानपुर में एसटीपी न बनने से प्रतिदिन नगवा और अस्सी नाले का पानी सीधे गंगा में गिरता है.
सिस्टम मजबूत करने का प्लान
सीवरेज सिस्टम को मजबूत करने का प्लान काफी दिनों से चल रहा था, जोकि अब जाकर पूरा हुआ है। शहर में 7 एसटीपी होने के बाद भी कई इलाकों से अब भी नाले का पानी सीधे गंगा नदी में गिर रहा है। इसका कारण शोधन क्षमता कम होना बताया गया। ऐसे में भगवानपुर में एक और एसटीपी बनाने का निर्णय किया गया। इसके बन जाने से नगवां एवं सामने घाट स्थित नाला समेत रामनगर का चार नाला बंद कर रमना एसटीपी से जोड़ा गया है.
भगवानपुर में 55 एमएलडी एसटीपी
भगवानपुर में 55 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम इस महीने के अंत से शुरू हो जाएगा। आशीष कुमार का कहना है कि भगवानपुर का एसटीपी बनना बहुत जरूरी है, क्योंकि रामनगर में चार नालों से हर दिन 10 एमएलडी मलजल गंगा नदी में गिरता है। इसको देखते हुए भगवानपुर एसटीपी का काम काफी तेजी से किया जाएगा, ताकि मलजल से मुक्ति मिल जाए.
दो साल पहले बना था प्लान
शहरभर में पेयजल आपूर्ति और सीवरेज की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दो साल पहले मास्टर प्लान तैयार किया गया था। शासन की ओर से मंजूरी मिलते ही कागजी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। डेढ़ से दो वर्ष के अंदर परियोजना के तहत कराए जा रहे काम धरातल पर दिखने लगेंगे्र.
गंगा नदी में गिरने वाले मलजल को रोकने के लिए भगवानपुर में 55 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का कार्य इसी महीने से शुरू होगा। इसके बन जाने से नगवा व अस्सी नाला से प्रतिदिन 28 एमएलडी मलजल गिर रहा है, वह बंद हो जाएगा.
एसके रंजन, एक्सईएन, जल निगम