वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा में अचानक जलस्तर बढऩे के कारण घाटों का संपर्क मार्ग बाधित हो गया है। बनारस के करीब आधा दर्जन घाटों का आपसी संपर्क मार्ग टूटने से लोगों की मश्किलें भी बढ़ गई हैैं। दरअसल, 84 घाटों की श्रृंखला में एक घाट से दूसरे घाट जाना अब मुश्किल हो गया है। फिलहाल लोगों को एक घाट से दूसरे घाट जाने के लिए गलियों का सहारा लेना पड़ रहा है। दो महीने के अंदर यह तीसरी बार है, जब गंगा के जलस्तर में बढ़ाव होने लगा.
एक सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही हैं। मंगलवार को केंद्रीय जल आयोग के आंकड़े के अनुसार गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा। वाराणसी में मंगलवार रात आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 64.61 मीटर दर्ज किया गया है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर 65 मीटर के ऊपर जाते ही प्रशासन द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से नावका संचालन भी बंद कर दिया जाता हैं.
पर्यटकों नहीं कर पर रहे घाटों का भ्रमण
काशी आने वाले पर्यटक वाराणसी के घाटों को घूमना खूब पसंद करते हैं। इन दिनों बढ़े गंगा के जलस्तर के कारण घाटों का संपर्क टूट गया है, जिससे काशी आने वाले पर्यटकों को निराश होकर घाट से वापस लौट जाना पड़ रहा है। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती भी घाट के सीढिय़ों पर होने लगी है.
नाविकों को फिर सताने लगी चिंता
वाराणसी में बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देखते हुए यहां के नाविकों को चिंता सताने लगी है। उनका कहना है कि इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ता रहेगा तो जल्द ही नाव संचालन बंद कर दिया जाएगा, जिससे उनके रोजी-रोटी पर काफी असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जलस्तर बढऩे के कारण शाम को 5 बजे ही नाव का संचालन बंद हो जाता है, जिससे शाम की गंगा आरती के समय पर्यटकों को नाव का नहीं घुमा पा रहे हैं.