वाराणसी (ब्यूरो)। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी को ज्यादा से ज्यादा डेमोक्रेटिक बना कर वैश्विक स्तर पर अमीर, विकासशील और गरीब देशों के बीच तकनीक के उपयोग के बढ़ते अंतर को पाटा जा सकता है। बदलते वक्त में डाटा को आर्थिक विकास के लिए बेहद जरूरी बताते हुए मोदी ने डिजिटल क्षेत्र में भारत की उपलब्धि को दूसरे देशों के साथ साझा करने का प्रस्ताव रखा। पीएम मोदी सोमवार को वाराणसी में जी-20 बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कर्ज की समस्या से जूझते गरीब व विकासशील देशों का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया और कहा कि निवेश बढ़ा कर ही इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है.
कोई देश पीछे न रहे, सभी की जिम्मेदारी
पीएम ने कहा कि विकासशील व गरीब देशों (ग्लोबल साउथ) के लिए विकास बहुत ही बड़ा मुद्दा है.पहले कोरोना महामारी और उसके बाद वैश्विक तनाव की वजह से खाद्य, ऊर्जा व उर्वरक आपूर्ति को लेकर जो समस्या पैदा हुई है। उसकी वजह से ग्लोबल साउथ को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। यह हम सभी की साझा जिम्मेदारी है कि सहस्राब्दी लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में कोई भी देश पीछे नहीं रह जाए। हमें सहस्राब्दी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ज्यादा निवेश करना चाहिए और जो देश कर्ज की समस्या से परेशान हैं उनके लिए समाधान निकालना चाहिए.
प्रकृति और लैंगिक समानता पर जोर
पीएम ने कहा कि विकास को बनाए रखना सामूहिक जिम्मेदारी है। दुनिया के विकास में भारत हरसंभव मदद को तैयार है। हमें पर्यावरण पर ध्यान देना होगा, लैंगिक समानता भी बेहद जरूरी है.भारत में हम नदियों, पेड़ों, पहाड़ों और प्रकृति के सभी तत्वों के लिए बहुत सम्मान रखते हैं। भारत में महिलाएं विकास एवं परिवर्तन की वाहक भी हैं। उन्होंने सभी से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए गेम-चेंजिंग एक्शन प्लान अपनाने का आग्रह किया.
होटल में समय जाया न करें, काशी घूमें: मोदी
वाराणसी में जी-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए दुनिया के सबसे अमीर देशों के मंत्रियों व अधिकारियों को पीएम मोदी ने सलाह दी कि वह अपना वक्त सिर्फ होटल के कमरों में होने वाली बैठकों में नहीं बिताएं, बल्कि बाहर जाएं, घूमें-फिरें और काशी का अनुभव लें। पीएम मोदी ने कहा कि मैं यह सुझाव सिर्फ इसलिए नहीं दे रहा कि यह मेरा संसदीय क्षेत्र है। मुझे भरोसा है कि गंगा आरती और सारनाथ की यात्रा करने से आपको अपने लक्ष्यों को हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी.मोदी ने अपने वीडियो संबोधन में आमंत्रित मेहमानों को लोकतंत्र की जननी भारत में काशी को सबसे पुराने शहर के तौर पर चिह्नित किया। उन्होंने कहा कि विकास से जुड़े मंत्रियों की बैठक के लिए यह बहुत ही सही स्थल है। काशी सदियों से ज्ञान, चर्चा, संस्कृति व अध्यात्म का केंद्र रहा है.यह भारत की विविधता भरी संस्कृति का सार है.