वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम प्रशासन द्वारा हाउस टैक्स बकायेदारों की लिस्टिंग के साथ ही उनसे टैक्स वसूली करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही नगर निगम के द्वारा प्राइवेट, सरकारी, व्यवसायिक के साथ रेजिडेंशियल मकानों के मालिकों के द्वारा हाउस टैक्स की वसूली को लेकर बड़े पैमाने पर अभियान पर चलाया जा रहा है। कुछ हद नगर निगम को सफलता भी मिलती हुई दिखाई दे रही है। इन सबके बीच बड़ी बात सामने आई है कि शहर के चार मोहल्ले रेवड़ी तालाब, बजरडीहा, मदनपुरा और दालमंडी में सदियों से हाउस टैक्स के नाम पर कुछ भी नहीं मिल पा रहा है। इस कारण हर साल नगर निगम को करीब 50 लाख रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ता है। आइये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
रेवड़ी तालाब और बजरडीहा
भेलूपुर जोन के तहत रेवड़ी तालाब और बजरडीहा इलाके आते हैं। इन इलाकों में 1500 हाउस हंै। प्रत्येक इलाके में 10 हजार के आसपास की आबादी है। इन इलाकों के लोगों की पेयिंग कैपसिटी काफी ज्यादा है। इसके बावजूद यहां के लोगों से नगर निगम प्रशासन किसी भी वर्ष हाउस टैक्स की वसूली नहीं कर पाता है.
मदनपुरा और दालमंडी
शहर के नगरीय निकाय सीमा के अंदर ही मदनपुरा दशाश्वमेध जोन के अंतर्गत आता है। इसके साथ ही दालमंडी कोतवाली जोन के अंतर्गत आता है। जहां मदनपुरा में 2 हजार के आसपास ऊंची इमारतें हंै तो वहीं पर दालमंडी में 3500 से लेकर 4000 के आसपास मकान हैैं। यहां के लोगों के बिजनेस और इनकम के बारे में पूरे शहर को जानकारी है। इसके बावजूद यहां से नगर निगम प्रशासन को हाउस टैक्स के नाम पर हर साल खाली हाथ रहना होता है.
डिमांड नोटिस और पत्राचार का नहीं दिखता असर
रिपोर्टर से बातचीत में नगर निगम प्रशासन के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर लोगों को डिमांड नोटिस और पत्राचार दोनों किया जाता है। इसके बावजूद लोगों के अंदर कोई फर्क नहीं पड़ता है और न ही टैक्स को जमा करने के लिए कोई पहल दिखाते हैं। इतना ही नहीं उसने बताया कि नगर निगम को सदियों से यहां से टैक्स नहीं मिल पा रहा है और अधिकारी वर्ग भी इस तरफ ध्यान नहीं देता है.
जाने से कतराते हैं रेवेन्यू इंस्पेक्टर
हाउस टैक्स नहीं आने पर नगर निगम के रेवेन्यू इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी होती है कि वे हर मकान का सर्वे करे और उस मकान में रहने वाले लोगों को प्रेरित करे कि वे अपना हाउस टैक्स टाइम से सबमिट करें। इस मामले में नगर निगम प्रशासन के रेवेन्यू इंस्पेक्टर भी अपना कार्य पारदर्शिता के साथ करते हुए नहीं दिखाई देते हैं और हाउस टैक्स का लास सालों साल से नगर निगम प्रशासन को झेलना पड़ रहा है.
कैसे मिलेगा टैक्स
नगर निगम के कर्मचारी बताते हैं कि इन एरिया के लोगों से हाउस टैक्स की वसूली करने के लिए बड़े लेवल पर अभियान चलाया जायेगा। इसमें सभी हाउस टैक्स बकायेदारों का चिन्हाकन करते हुए उनके घरों के सामने मुनादी करवाई जायेगी। इसके साथ ही यदि फिर लोग हाउस टैक्स को जमा नहीं करते हैं तो रिकवरी की कार्रंवाई शुरू कर दी जायेगी.
इन इलाके के लोगों को जागरूक करने के लिए जोनल अधिकारी के द्वारा कैंप लगाया जा रहा है। साथ ही लोगों को बिल भेजी जा रही है। इसके बाद भी लोग हाउस टैक्स जमा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी.
प्रदीप कुमार मिश्रा, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी