वाराणसी (ब्यूरो)मकर संक्रांति पर काशी में पतंगबाजी लोगों, खासकर युवाओं के सिर चढ़कर बोलाहर ओर से भाक्काटाबड़ी नक्ख से कटली गुुरु का शोर सुबह से शाम तक गूंजाऐसा लगा मानो समूचा शहर छतों पर जा चढ़ा होशनिवार को दिनभर डीजे और ढोल की धुनों के बीच शहर भर में पतंगबाजी की धूम रहींआसमान में धारदार मांझे में बंधी और तनी पंतगों के पेंच लड़ाने का क्रेज देखते ही बनाहर पतंग के कटने पर सिर्फ एक ही आवाज गूंजाभाक्काटा

खिली धूप संग चढ़ा पतंगबाजी का रंग

आसमान में सूर्य की लालिमा फूटने के साथ मकर संक्रांति पर घरों में चहल पहल शुरू हो गई थीस्नान करने के बाद बच्चे अपनी-अपनी पतंगों के साथ घर के छतों पर डट गए तो कई मैदानों में दोस्तों के साथ मिलकर पतंगबाजी के हुड़दंग में मशगूल रहेधूप खिलने के साथ पतंगबाजी का रंग और परवान और चढ़ाहर ओर रंग-बिरंगी पतंगे तितलियों की तरह आसमान में थिरकती दिखाई दीं.

डीजे पर बजते रहे फिल्मी गीत

सुबह आठ बजे से छतों पर डीजे की धुन पर वह काटा, वह मारा का शोर पूरे दिन तक जारी रहीकई जगहों पर युवा डीजे की धुन पर थिरकते नजर आएछत पर पतंग उड़ा रहे युवाओं ने खूब सेल्फियां लीं और उसे सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ शेयर करते रहे.

गंगा पार रेत पर सजी युवाओं की टोलियां

मकर संक्रांति का उल्लास, उमंग और उत्साह घरों और मैदानों तक ही सीमित नहीं था, बल्कि युवाओं की टोलियों ने गंगा तट भी इक_ा होकर पतंगबाजी का लुत्फ उठायागंगा किनारे पतंगबाज कभी-कभी पतंग को नदी के सतह तक ले आते थे और अचानक फिर से मंझे पर झटका देते ही आसमान की ओर उड़ान भर लेती थी.

विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में पतंगबाजी

घर से दूर हास्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं ने भी पतंगबाजी का खूब इन्ज्वॉय कियाछात्र-छात्राओं में एक-दूसरे की पतंग काटने की होड़ मची थीविभिन्न आकृतियों के साथ राजनेताओं के चित्रों वाली पतंग युवाओं को खूब पसंद आई.