वाराणसी (ब्यूरो)। पहाड़ों पर लगातार बारिश से गंगा उफना गई है। 24 घंटे के अंदर कानपुर में एक मीटर तक जलस्तर बढ़ गया, वहीं वाराणसी में 20 सेंटीमीटर तक वृद्धि दर्ज की गई है। कानपुर से एक लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी छोड़ गया है। हरिद्वार और नरौरा से भी गंगा में एक लाख क्यूसेक पानी डाला गया है। ऐसी स्थिति में बनारस में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि बनारस में पानी आने में अभी पांच से छह दिन लग सकता है। बावजूद इसके अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। कलेक्ट्रेट में बाढ़ कंट्रोल रूम एक्टिव के साथ हेल्प लाइन नंबर भी जारी कर दिया गया है.
गंगा में बढ़ रहा जलस्तर
जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। एनडीआरएफ, सिंचाई, नगर निगम, जलकल, जल पुलिस समेत सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। कलेक्ट्रेट स्थित आपदा प्रबंध के आफिस में कंट्रोल रूप स्थापित कर दिया गया है। 9140037137 नंबर जारी किया गया है। इसके अलावा गंगा के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। गुरुवार रात 10 बजे तक गंगा का जलस्तर 61.49 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से करीब 9 मीटर नीचे है। हालांकि गंगा में बढ़ाव जारी है, जो एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही है.
बचाव को एनडीआरएफ तैयार
पहाड़ों में हुई बारिश और आपदा को देखते हुए यूपी में भी बाढ़ राहत एजेंसियो को सतर्क कर दिया है। उप महानिरीक्षक, 11 एनडीआरएफ मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि बाढ़ के दौरान किसी भी परिस्थियों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह तैयार है। वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित किया जा चुका है। इसके लिए एनडीआरएफ की 4 टीम (एक टीम में 35 से 40 प्रशिक्षित जवान होते हैं) मुस्तैद है। साथ ही मेडिकल टीम और वाटर एम्बुलेंस की भी तैनाती की गई है। एक टीम में 35 बचाव सदस्य रहते हैं, एक टीम के पास 4 बोट या ओबिएम बचाव के लिए है। हर टीम में ऑक्सीजन सिलेंडर समेत सभी उपकरणों के साथ 2 डीप डाइवर्स (गोताखोर) तैनात किये गए हैं। साथ ही पर्याप्त मात्रा में लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय (ट्यूब) आदि बचाव के उपकरण मौजूद हैं।
वज्रपात से बचाएगा दामिनी एप
एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार वाराणसी में आंधी, वज्रपात एवं वर्षा होने की संभावना है। तेज हवा, बारिश व बिजली चमकने के समय बड़े पेड़ के नीचे कच्चे मकानों में शरण लेने से बचेें। बिजली के खम्बों के पास दुपहिया व चार पहिया वाहन खड़ा न करें। वज्रपात से बचाव के लिए एप्लीकेशन दामिनी एप मोबाइल में डाउनलोड कर लें। दामिनी एप 20 किमी के क्षेत्र में सम्भावित लाइटनिंग अलर्ट का नोटिफिकेशन लगभग 04 घंटे पूर्व प्रेषित करता है, जिससे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने तथा बचाव का अवसर प्राप्त हो सकें।
44 स्थानों पर बनेगी बाढ़ चौकी
गंगा का भी जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए नगर निगम ने निचले इलाकों में जल निकासी की कार्ययोजना बनाई है। साथ ही 44 स्थानों पर बाढ़ चौकी प्रस्तावित है। इसके लिए स्थलों को भी चिह्नित किए जा रहे हैं। साथ ही निचले इलाकों के पानी निकालने के लिए पंप की भी व्यवस्था की जाएगी। 17 पंप जोनल कार्यालयों को भेज भी दिए गए हैं। 21 पंप निगम में रिजर्व रखे गए हैं। जलजमाव वाले इलाकों की सीवर सफाई का निर्देश दिया है। इन इलाकों के जाम गली पिट को खोला जा रहा है।
बाढ़ में ये इलाके होते हैं प्रभावित
गंगा का जलस्तर बढऩे पर सामने घाट, मारुति नगर, रत्नाकर नगर, मदरवा, रमना, रामनगर, सूजाबाद, डोमरी और चौबेपुर के ढाब क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार वरुणा किनारे जैतपुरा, आदमपुर, सारनाथ क्षेत्र के मोहल्ले के अलावा कोनिया, नक्खीघाट, सरैया क्षेत्र भी बाढ़ से प्रभावित होता है.