वाराणसी (ब्यूरो)तहसील परिसर में बैठे वेंडर भी 100 रुपये लेते हैंतत्काल सेवा के लिए तीन सौ रुपये तक लिया जाता हैशिकायत के बाद प्रशासन की टीम की ओर से एक्शन लिया जाता है, लेकिन कुछ दिन बाद फिर वही स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

केस-1

पंचकोशी के रहने वाले कार्तिक कुमार बीकॉम सेकेंड इयर का छात्र हैवह सलारपुर रोड स्थित सहज जनसुविधा केंद्र पर मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए गया थाआवेदन के बाद संचालक ने 150 रुपये मांगा तो छात्र ने कहा कि प्रिंट सहित 50 रुपये होता हैमजबूरन उसे 120 रुपये देना पड़ा.

केस-2

किसी कार्य के लिए आय प्रमाणपत्र की जरूरत पर चितईपुर के रहने वाले राजेश यादव सुसवाही स्थित सहज जनसेवा केंद्र पर पहुंचेआवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संचालक ने 150 रुपये मांगे तो उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा पैसा हैनहीं मानने पर पूरा पैसा देना पड़ा.

ये दो केस सिर्फ उदाहरण हैलोगों को सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सहज जनसुविधा केंद्रों पर तय से पांच गुना तक शुल्क देने के लिए मजबूर हैंइतना ही नहीं, केंद्रों की गलती का खामियाजा भी आवेदकों को भुगतना पड़ रहा.

अधिक शुल्क लेते हैैं केंद्र संचालक

लोगों को आय, जाति, राशन, मूलनिवासी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन की सुविधा के लिए जन सुविधा केंद्र खोले गए हैंइन केंद्रों पर प्रमाण पत्र आवेदन करने के लिए एक निर्धारित शुल्क तय हैआय, जाति, राशन, मूल निवासी प्रमाण पत्र आवेदन करने का शुल्क 30 रुपये हैजबकि, इसके लिए जनसुविधा केंद्र वाले 100 से 150 रुपये तक लेते हैंकई मूल निवास, राशन या फिर पासपोर्ट आवेदन के लिए तो 200 से 500 रुपये तक भी वसूले जाते हैंकोई सरकारी व्यवस्था न होने के कारण लोगों को मजबूरन इन्हीं जनसुविधा केंद्रों पर जाना पड़ रहा है.

शुल्क में आनाकानी पर फार्म में गड़बड़ी

सहज जनसेवा केंद्रों पर आवेदक यदि शुल्क देने में आनाकानी करता है तो उसके आवेदन में किसी न किसी प्रकार की गड़बड़ी कर दी जाती हैजिस कारण आवेदन निरस्त हो जाता हैउसके बाद आवेदक को दोबारा गलती को सही कराकर आवेदन करना पड़ता हैइसके लिए फिर से शुल्क दिया जाता हैसरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो रोजाना 200 से ज्यादा आवेदन केवल नाम, पता, लिंग की गलती के कारण निरस्त हो जाते हैंइन आवेदकों को नए सिरे से आवेदन करना पड़ता हैवाराणसी में इन केंद्रों के जरिए करीब पांच हजार आवेदन रोजाना किए जाते हैं.

एक्शन के बाद ही असर नहीं

प्रशासन की ओर से तय शुल्क से ज्यादा लेने वाले जनसुविधा केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई होती रही हैपिछले साल शिकायत के बाद केंद्रों को सील कर दिया दिया थाइस कार्रवाई के बाद जनसुविधा केंद्रो संचालकों में हंडकंप मचा गयाइस छापेमारी के बाद शुल्क तो तय लिया जाने लगा लेकिन आवेदनों में कहीं न कहीं गलती ज्यादा होने लगीसालभर बीतने के बाद अब कोई कार्रवाई न होने के कारण हालात फिर से पहले वाले ही हो गए हैं.

फैक्ट फाइल

30 रुपये है आय, जाति, राशन, मूल निवासी प्रमाणपत्र के आवेदन का शुल्क

150 रुपये तक हो रही वसूली

इस तरह की शिकायत अगर आती है तो जनसुविधा केंद्रों की जांच कराई जाएगीआवेदन सबमिट करते समय अपनी जानकारी की सही प्रकार जांच करेंआवेदन के लिए शुल्क तय है.

एसराजलिंगम, डीएम