-आगामी बजट से बनारस के व्यापारियों और इंड्रस्टलिस्ट को है ढेरों उम्मीदें
-कोरोना काल में सुस्त हुए व्यापार को बजट से चाहिए धार
01 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण आगामी एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इसे लेकर शहर के इंड्रस्टलिस्ट और बिजनेसमैन को काफी उम्मीदें हैं। उम्मीद है कि उनके सुस्त पड़े बिजनेस को फिर से रफ्तार मिलेगी। व्यापारियों का मानना है कि पिछले साल बजट और फिर कोरोना संक्रमण ने हर व्यापार को प्रभावित कर रख दिया। लॉकडाउन के बाद जो स्थिति बिगड़ी वो आज तक नहीं संभल पाई है। कोरोना काल में टूरिजम इंडस्ट्रीज को सबसे बड़ा धक्का लगा है, सरकार की तरफ इस इंडस्ट्री को कोई राहत नहीं पहुंचाई गई। ऐसे में अगर इस बार का बजट उनकी मन मुताबिक नहीं आता हैं तो किसी भी इंडस्ट्री व व्यापार को धार मिल पाना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में इस बार सीता जी से बजट में संजीवनी की उम्मीद है।
जीएसटी के साथ टैक्स हो कम
आने वाले बजट से कोई जीएसटी कम करने की उम्मीद कर रहा है तो कोई टैक्स में छूट चाहता है। साथ ही व्यापार करने में आने वाली तमाम सरकारी गुणा गणित को भी सरल करने की सीतारमण से आस है। आगामी बजट पर व्यापारियों की क्या राय है कि इसे जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के अलग-अलग ट्रेड के बिजनेसमैन और इंड्रस्टलिस्ट से बात की। ज्यादातर की उम्मीद है कि इस बजट में कोरोना की वजह से गंभीर रूप से बीमार हो चुके व्यापार को ठीक करने वाली दवा मिलेगी।
बजट पर सबकी निगाह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब संसद में बजट पेश करेंगी तो बनारस के हर बिजनेसमैन की निगाहें उन्हीं पर टिकी रहेंगी। ऐसा इसलिए कि उन्हें सीता जी से इस बार पिछली बार से भी कही उम्मीदें हैं। व्यापारियों का मानना है कि बजट से आम लोगों को राहत मिलनी चाहिए। यदि इनकम टैक्स में कुछ छूट बढ़ा दिया जाए तो छोटे तबकों के लिए राहत की बात होगी। शहर के कपड़ा और किराना व्यवसायियों ने इसमें बदलाव की उम्मीद की है। ताकि राहत मिल सके। इसके साथ ही व्यापारियों को जीएसटी में रिबेट मिले।
ये सब भी सुनिये सीता जी
-ई-कॉमर्स कंपनियों से मुकाबले को खुदरा व्यापारी और वितरकों को टैक्स में रियायत चाहिए
-मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से यह सुनिश्चित कराया जाए कि जिस रेट पर ई-कॉमर्स कंपनियों को सामान बेचे उसी दाम से डिस्ट्रीब्यूटर को भी दिया जाए। इससे सरकार को भी जीएसटी में अधिक इजाफा होगा
-इस बजट में इस बार टैक्स का ऐसा ढांचा होना चाहिए कि ई-कॉमर्स कंपनियों और बड़े आउटलेट के साथ छोटे व्यापारियों को भी व्यवसाय मिले, और उनका व्यापार आराम से चलता रहे
-अप्रैल से 5 करोड़ टर्नओवर के ऊपर से व्यापारियों के बीच बीटूबी के लिए जो ई-इन्वॉयस की बाध्यता लागू की गई है, इससे व्यापारियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, इसे व्यवहार संगत बनाना चाहिए, जिससे व्यापारियों की मुश्किलें कम हो सके
-सरकार पूरे देश में जीवन रक्षक दवाओं के ऊपर एक ही प्रकार का टैक्स लगाए, जिससे छोटे मध्यम नागरिकों को दवाएं खरीदने पर दिक्कतों से निजात मिल सके
::: कोट
देशी पर्यटकों को भारत में ही भ्रमण करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। ऐसे में टैक्स बेनेफिट्स व अन्य सुविधा देनी चाहिए। बजट में पर्यटन उद्योग पर अलग से ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही पूर्वांचल में पर्यटन विकास को एक इस्पेशल पैकेज मिलना चाहिए।
-राहुल मेहता, अध्यक्ष, टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन
बजट में इस बार टैक्स का ऐसा ढांचा होना चाहिए कि ई-कॉमर्स कंपनियों और बड़े आउटलेट के साथ छोटे व्यापारियों को भी व्यवसाय मिले और उनका व्यापार आराम से चलता रहे। सरकार पूरे देश में जीवन रक्षक दवाओं के ऊपर एक ही प्रकार का टैक्स लगाए।
-प्रेम मिश्रा, महानगर अध्यक्ष, उद्योग व्यापार समिति
कोरोना संक्रमण काल ने उगते हुए उद्योग को डुबो दिया है। पिछला साल उद्योग घरानों के लिए किसी काले साए से कम नहीं रहा। ऐसे में इस बार फाइनांस मिनिस्टर से उद्योग घरानों को ऐसी संजीवनी की उम्मीद है जिससे व्यवसाय फिर से पटरी पर लौट आए।
-मनीषा जैन, महासचिव, प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मण्डल (महिला)
बजट से बीमार बाजार के इलाज की उम्मीद है। उद्योग व व्यापार के लिए जो भी कानून बने, उसका सरलीकरण हो। पहले सरकार की गलत नीतियों और अब कोरोना की वजह से उद्योग घरानों की कमर टूट चुकी है। फाइनांस मिनिस्टर से इसे पटरी पर लाने की भी उम्मीद है।
-डॉ। संप्रदा गंगवार, प्रदेश सचिव प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मंडल
राष्ट्रीय स्तर पर स्मॉल व लघु उद्योग पर एक समग्र नीति बनाई जाए। यह नीति ऐसी हो जिससे लघु उद्योग व्यापारियों से प्रोत्साहित हो। भेदभाव करने वाली नीति न बने। जब बड़े उद्योग के साथ स्मॉल व लद्यु उद्योग को भी बिजली सब्सिडी मिले।
- प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष-विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल समिति
इस बजट में फाइनांस मिनिस्टर से मांग है कि व्यापारियों को प्रोत्साहित करते हुए मैक्सीमम जीएसटी कलेक्शन वालों को उनके द्वारा जमा राशि पर प्रोत्साहन कमीशन राशि देने का प्रावधान करें। इससे जीएसटी कलेक्शन बुस्टअप होगा। देश निर्माण में सहुलियत होगी।
-अलखनाथ गोस्वामी, महामंत्री, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल समिति