वाराणसी (ब्यूरो)। आम बजट पेश होने की अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। पहली फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। बजट पर सिटी के उद्यमियों, कारोबारियों के साथ दुकानदारों की भी नजर है। सभी उम्मीद लगाए है कि इस बार उनको कुछ न कुछ राहत मिलेगी। कोई टैक्स स्लैब में तो कोई जीएसटी में राहत की उम्मीद लगा रखा है। वहीं उद्यमियों का कहना है कि सरकार उद्योगों को फोकस कर बजट लाएं.
एमएसएमई में ब्याज दर कम हो
सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए काफी प्रयास किया जा रहा हैं। इस बार का बजट उद्योगों को पंख लगाने वाला होना चाहिए। बजट में सरकार से मांग करते है उद्योगों के विकास के विशेष पैकेज दें। जीएसटी में जितनी भी विसंगतियां है उसे दूर करना चाहिए। उद्योगों के लैंड को फ्री होल्ड करना चाहिए ताकि उद्योगों का विकास हो सके। एमएसएमई में ब्याज दर कम करें सरकार.
आरके चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आईआईए
25 किलोग्राम आटा हो जीएसटी फ्री
आगामी बजट में फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े उद्योगो को कुछ राहत मिलनी चाहिए। इस इंडस्ट्री में लगने वाली मशीनों पर भी जीएसटी में छूट मिलनी चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री की मंशा है, देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना। बिना इस इंडस्ट्री के संभव नहीं दिखता। वित्तमंत्री से उम्मीद है की 25 किलोग्राम तक के आटा पर जीएसटी समाप्त हो जिससे आम जनमानस को भी इसका लाभ हो एवं आटा उद्योग को भी संबल प्राप्त हों.
दीपक बजाज, चेयरमैन फूड प्रोसेसिंग
पांच हजार करोड़ का मिले पैकेज
अब प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिये हर जिले स्तर पर निर्यात हब बनना चाहिए, इसके लिये 5000 करोड़ का बजट अलग से होना चाहिए। तभी मेक इन इण्डिया, ओडीओपी व कलस्टर योजना को लाभ व बढ़त मिलेगी। आय कर में अब 10 लाख तक के लोगों को छूट मिलना चाहिए, क्योकि महंगाई पिछले 9 वर्षों में बहुत बढ़ गया है और आयकर स्लैब अभी भी पुराना ही है। मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर सबसे ज्यादा टैक्स का भार है, और वे ही सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करते है, इसलिए उद्यमियों के लिए बैंक के ब्याज को कम करने के लिए सरकार को एक अलग बजट बनाना चाहिए.
देव भट्टाचार्या, अध्यक्ष रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया
जीएसटी में विसंगितयां दूर हों
बजट में सभी व्यापारियों को उम्मीद है कि जीएसटी में जो रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया है उसे और सरलीकरण करें सरकार सरकार। क्योंकि रिटर्न सरलीकरण हो इसके लिए व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल के नाम पत्रक भेजा है। बजट में अगर व्यापारियों को राहत मिल जाए तो व्यापारियों का कारोबार बढ़ जाएगा। इससे सरकार के राजस्व को भी लाभ होगा। जीएसटी में विसंगितयां दूर हो बढ़े व्यापार का ग्राफ.
प्रेम मिश्रा, अध्यक्ष महानगर उद्योग व्यापार समिति
आयकर स्लैब में मिले राहत
सरकार ने उद्योग को विकसित करने के लिए काफी कार्य कर रही हैं। बजट में भी इसी तरह उद्योगों के हित में सरकार को ध्यान चाहिए। नए उद्योगों के लिए सरकार को लैंड के साथ विशेष पैकेज भी देना चाहिए। आयकर के स्लैब में राहत देना चाहिए। मंडी टैक्स में भी सरकार को राहत देना चाहिए। देश मे हॉस्पिटल में दिनों दिन बढ़ती भीड़ को देखते हुए और भी तमाम सरकारी हस्पिटल खोलने के लिए भी अलग बजट होना चाहिए.
मनोज मद्धेशिया, अध्यक्ष करखियांव एग्रो इंडस्ट्री