- तीन हजार लोगों के ब्लड का लिया गया सैम्पल
राष्ट्रीय वेक्टर बॉर्न डिसीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चल रहे प्री फाइलेरिया सर्वे अभियान बुधवार को सफलता पूर्वक संपन्न हो गया। अभियान के तहत जिले में ग्रामीण एवं शहर के चुनिंदा एरिया में लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया। जिला मलेरिया अधिकारी केके राय ने बताया कि सर्वे अभियान दो चरणों में चलाया गया। 15 से 17 नवंबर तक रात्रिकालीन ब्लड सर्वे एवं 26 से 28 नवंबर तक दिन में हुए सर्वे अभियान में करीब तीन हजार से अधिक लोगों के ब्लड सैम्पल जमा किये गए।
रिपोर्ट के बाद आएगी मरीजों की संख्या
पहले चरण में रामनगर शहरी क्षेत्र के नगवां, चोलापुर ब्लाक के रोनाखुर्द, अराजीलाइन के गणेशपुर, सेवापुरी के बिहडा में रेंडम फाइलेरिया टेस्ट किया गया। ये वे एरिया हैं जहां पहली बार सर्वे किया जा रहा है, जिसमें करीब 2000 से अधिक लोगों के ब्लड सैम्पल लिए जा चुके हैं। वहीं दूसरे चरण में दिन में हुए सर्वे में प्रत्येक क्षेत्र से 300 ब्लड सैम्पल का लक्ष्य रखा गया था। पूरी रिपोर्ट आने के बाद जिले में फाइलेरिया के मरीजों की संख्या का निर्धारण हो पायेगा।
फाइलेरिया से मुक्ति है मकसद
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वाराणसी सहित अन्य पांच जिलों में आईडीए कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अगले साल फरवरी माह में चलाया जायेगा, जिसके लिए अभी से तैयारियां शुरू की जा चुकी है। राष्ट्रीय वेक्टर बॉर्न डिसीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत यह कार्यक्रम पहली बार चलाया जायेगा। इसका उद्देश्य संवेदनशील इलाकों में फाइलेरिया बीमारी से मुक्ति दिलाना है।