वाराणसी (ब्यूरो)जिले में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू हुए ढाई साल से ज्यादा समय बीत गयापुलिस महकमे में अफसरों की संख्या भी बढ़ गई, लेकिन जाम की समस्या पहले से ज्यादा गंभीर हो गई हैहालत यह है कि रोजाना सुबह से देर शाम तक शहर के अलग-अलग इलाकों में सड़कों पर वाहन रेंगते और राहगीर जूझते नजर आते हैंमगर पुलिस अफसरों की फौज समस्या के समाधान के लिए स्थायी उपाय नहीं कर पा रही हैयातायात के लिहाज से मैदागिन चौराहा, पांडेयपुर, मंडुवाडीह, गिरिजाघार और लंका मालवीय चौराहा पर रोजाना सुबह से देर रात तक सर्वाधिक दबाव रहता है

बाहरी लोगों का दबाव

इसकी मुख्य वजह यह है कि यहां शहरवासियों के अलावा बाहरी लोगों का ज्यादा दबाव रहता हैइन चौराहों पर सुबह 9.30 से 11 बजे तक यातायात की स्थिति गंभीर रहती हैइसके चलते इन चौराहों से संचालित मार्गों पर भीषण जाम लगता हैऐसी ही स्थिति का सामना दोपहर एक से दो बजे के बीच और फिर शाम के समय पांच से सात बजे तक रहती हैइन तरह से इन चौराहों पर रोजाना चार घंटे से ज्यादा समय तक राहगीरों को जाम से जूझना पड़ता है.

इतनी ट्रैफिक पुलिस है तैनात

कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से पहले शहर में व्यवस्था के लिए ट्रैफिक पुलिस में एक एडिशनल एसपी, एक डिप्टी एसपी, एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर, 10 से 12 ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर, 30 से 35 हेड कांस्टेबल, 110 से 120 कॉस्टेबल और 200 से 250 होमगार्ड तैनात हुआ करते थेपुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद ट्रैफिक पुलिस के मुखिया एक आईपीएस हैंउनकी देखरेख में एक एडिशनल एसपी, एक डिप्टी एसपी, सात ट्रैफिक इंस्पेक्टर, 57 ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर, सात हेड कांस्टेबल, 226 कांस्टेबल, 190 सिपाही 580 होमगार्ड और पीआरटी के 50 जवान ट्रैफिक पुलिस में मौजूदा समय में तैनात है.

इन इलाकों को ट्रैफिक जाम की लत

मंडुवाडीह चौराहा से मुड़ैला व चांदपुर मार्ग, मंडुवाडीह चौराहा से महमूरगंज- सिगरा मार्ग, बनारस रेलवे स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार के सामने, बीएलडब्लू गेट-ककरमत्ता पुल, बीएचयू गेट-नरिया मार्ग व ट्रॉमा सेंटर मार्ग, अस्सी, गोदौलिया गिरजाघर-बेनिया मार्ग, कमच्छा-रथयात्रा मार्ग, सिगरा, लहुराबीर से मैदागिन मार्ग, कैंट रेलवे स्टेशन के सामने, नदेसर, कचहरी, पांडेयपुर, भोजूबीर, अर्दली बाजार, चौकाघाट, कज्जाकपुरा, राजघाट स्थित मालवीय पुल.